धर्म और भाग्य

काशी के इन मंदिरों में पूरी होती है भक्तों की हर मनोकामना पूरी

काशी के मंदिर- भारत के उत्तर प्रदेश राज्‍य में स्थिति वाराणसी को स्‍वयं भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। इस पावन नगरी को प्रमुखीतीर्थस्‍थल के रूप में भी जाना जाता है और यहां पर अनेक मंदिर और धार्मिक स्‍थल स्थित हैं।

मान्‍यता है कि काशी की धरती पर अंतिम सांस लेने वाले व्‍यक्‍ति को स्‍वर्ग में वास मिलता है और वह शिवलोक में स्‍थानप्राप्‍त करता है। काशी नगरी में आकर भक्‍तों की सारी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं और कहते हैं कि यहां से कोई खाली हाथ नहीं लौटता है।

काशी की ही पावन धरती पर महा‍कविगोस्‍वामीतुलसीदास जी को ज्ञान की प्राप्‍ति हुई थी। आज हम आपको काशी के उन मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर दर्शन करने से भक्‍तों की हर इच्‍छाएं पूर्ण होती हैं।

तो चलिए जानते हैं काशी के मंदिर के बारे में जो भक्‍तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए प्रसिद्ध हैं।

काशी के मंदिर –

बनकटी हनुमान मंदिर

काशी में प्रवास के दौरान तुलसीदास जी ने अपने पूज्‍य हनुमान जी के अनेक मंदिरों की स्‍थापना की थी जिनमें से एक है बनकटी हनुमान मंदिर। दुर्गाकुंड में स्थित इस मंदिर के आसपास का क्षेत्र पहला घना जंगल था और जंगल के बीचोंबीच हनुमान जी की मूर्ति पाई गई थी। इस मूर्ति को ही बनकटी हनुमान जी कहा जाता है। काशी प्रवास के दौरान स्‍वयंतुलसीदास जी रोज़ बनकटी हनुमान जी के दर्शन करने आते थे। किवदंती है कि एक बार तुलसीदास जी से हनुमान जी कोढी के रूप में मिलने आए थे। मान्‍यता है कि अगर कोई श्रद्धालु लगातार 41 दिनों तक बनकटी हनुमान के दर्शन करता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

महावीर मंदिर

ये मंदिर भी भगवान राम के अनन्‍यभक्‍त हनुमान जी का है। वाराणसी में वरुणा पार अर्दली बाजार टकटपुर में स्थित महावीर मंदिर भी लोगों की आस्‍था का केंद्र बन चुका है। माना जाता है कि इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन से जीवन के सभी कष्‍ट दूर हो जाते हैं और भक्‍त को उत्तम स्‍वास्‍थ्‍य और धन संपदा की प्राप्‍ति होती है। इस मंदिर में स्‍थापितअत्‍यंत प्राचीन मूर्ति को राजा अर्जुन ने बनवाया था। मन्‍नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु यहां पर हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाने आते हैं। अगर आपकी कोई मनोकामना अधूरी रह गई है तो आप उसकी पूर्ति के लिए काशी के इस मंदिर में माथा टेकने आ सकते हैं।

हनुमान जी को स्‍वयं कलियुग का देवता कहा जाता है यानि की कलियुग में वही एकमात्र ऐसा देवता हैं जो भक्‍तों के सारे कष्‍टों को दूर कर उनके जीवन को सुख और समृद्ध बना सकते हैं। ऐसे में काशी के ये दो मंदिर भक्‍तों के लिए किसी पुण्‍य तीर्थ से कम नहीं हैं। अगर आप भी अपनी मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो काशी के इन मंदिरों के दर्शन जरूर करें।

ये है वो काशी के मंदिर जहाँ भक्तों की मनोकामना पूरी होती है –   इनके अलावा काशी नगरी भगवान शिव के विश्‍वविख्‍यात मंदिर काशी विश्‍वनाथ के लिए भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर में रोजाना भगवान शिव के लाखों-करोड़ों भक्‍त दर्शन करने आते हैं। इस मंदिरा से भी कोई भक्‍त खाली हाथ नहीं लौटता है और अपनी झोली को भर कर ही लेकर जाता है।

Parul Rohtagi

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