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जानिये जयपुर में माँ बनने क्यों आती हैं विदेशी महिलाएं !

महिलायें अपनी सुनी गोद को भरने

महिलायें अपनी सुनी गोद को भरने – भारत का गुलाबी शहर जयपुर महिलाओं की सूनी गोद भरने के मामले में काफी आगे हो चुका है.

भारत देश की महिलाएं तो यहां मां बनने आती हैं हीं साथ हीं विदेशी महिलायें अपनी सुनी गोद को भरने के लिए जयपुर आती हैं. देश और विदेश की हर साल लगभग 1200 महिलाएं अपनी सूनी भरती हैं. जिसमें 200 महिलाएं विदेशी होती हैं.

दरअसल जयपुर शहर में आईवीएफ तकनीक काफी तेजी से फैल रहा है.

फर्टिलिटी सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान की राजधानी जयपुर में हर साल लगभग 1200 महिलाएं इस तकनीक की मदद से अपनी गोद भरती हैं. यहां की खास बात ये है कि इन महिलाओं में 200 विदेशी महिलाएं शामिल हैं.

दरअसल देश के दूसरे राज्यों के साथ-साथ विदेशी महिलाएं भी आईवीएफ तकनीक का लाभ उठाने जयपुर आती हैं.

डॉक्टरों की मानें तो भारत में विदेशों के मुकाबले इलाज काफी सस्ता होता है, इसलिए विदेशी महिलायें अपनी सुनी गोद को भरने यहां आती हैं.

थाईलैंड, इंडोनेशिया, म्यान्मार, मलेशिया, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, कनाडा और अमेरिका सहित कई खाड़ी देशों और कई यूरोपीय देशों में ये इलाज लगभग 5 लाख रुपए में होता है. जबकि जयपुर में यही इलाज सिर्फ 80 हजार से 1 लाख तक में हीं हो जाता है. हालांकि किन्हीं कारणों से भारत में विदेशी महिलाओं की सेरोगेसी को बैन किया गया है. लेकिन अगर शादीशुदा महिला है तो इसका प्रूफ देकर इलाज करा सकती हैं.

कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तो विदेशी महिलाएं जयपुर के डॉक्टर से ईमेल के जरिए ही अपॉइंटमेंट ले लेती हैं, ताकि यहां पहुंचने के बाद उन्हें ज्यादा समय ना लगे.

इसके अलावा अगर उनके कोई जान-पहचान वाले यहां रहते हैं, तो उनकी मदद से भी अपॉइंटमेंट ले लेती हैं.

जयपुर के डॉक्टरों की मानें तो फर्टिलिटी सेंटर पर हर महीने में लगभग 15 से 20 पेशेंट्स ईमेल के जरिए अपॉइंटमेंट लेते हैं.

पर्यटन स्थल होने की वजह से जयपुर में विदेशियों का आना-जाना लगा हीं रहता है. साथ हीं बहुत सारे विदेशी लोग ऐसे भी हैं, जो यहां रहते हैं. जिनकी रिफरेंस से यहां आईवीएफ ट्रीटमेंट लेने विदेशी महिलाएं पहुंचती हैं.