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अमेरिका को धमकी – आज हम कत्लेआम करेंगे, मुस्लिम मतदान न करे !

आईएसआईएस की धमकी

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के ठीक पहले दुनियां के खुंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस ने धमकी दी है कि वह मतदान के दिन अमेरिका में कत्लेआम करेगा.

इसलिए मुस्लिमों से अपील है कि वे चुनाव के दिन मतदान से दूर रहें नहीं तो कहीं ऐसा न हो कि वे भी आईएस के हमले की जद में आ जाए.

गौरतलब है कि अमेरिका में 8 नवंबर (भारत में 9 नवंबर) को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना हैं और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि इलेक्शन के दौरान अलकायदा हमले कर सकता है.

लेकिन आईएसआईएस की धमकी आने के बाद इसको लेकर अमेरिका सुरक्षा विभाग और अधिक सर्तक हो गया हैं. इस आईएसआईएस की धमकी की जानकारी साइट इंटेलिजेंस ग्रुप के डायरेक्टर रिट्ज कैज ने दी है. रिट्ज कैज के मुताबिक, आईएस के मीडिया सेंटर अल हयात ने सात पेज का एक नोट जारी किया है, जिसे अमेरिकी अखबार ने रिट्ज के हवाले से छापा है.

गौरतलब है कि इन दिनों आईएस का सरगना बगदादी इराक में अमेरिकी नेतृत्व वाली इराक की सेनाओं के बीच घिरा हुआ है. अमेरिका जिस प्रकार आईएस को समाप्त करने के लिए उसके खिलाफ आक्रामक हमले कर रहा है उसको देखते हुए वह आईएस का दुश्मन नबंर एक है और आतंकी हमलों की उसकी हिट लिस्ट में टाॅप पवर है.

यही वजह है कि आईएस की इस धमकी को कि हम अमेरिकी वोटरों का कत्लेआम करने और उनके बैलट बॉक्सेज को तबाह करने आ रहे हैं, को अमेरिका सुरक्षा एजेंसियां हल्के में नहीं ले रही है.

क्योंकि पत्र में जिस प्रकार डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स दोनों ही पार्टी को इस्लाम और मुसलमानों का विरोधी बताया गया है उससे भी लगता है कि केवल ट्रंप ही नहीं हिलेरी क्ल्ंिटन की नीतियों को भी अपने लिए खतरा मानते हैं.

इससे साफ जाहिर है कि आतंकी संगठन इलेक्शन वाले दिन हमारे देश पर हमला करना चाहता है. इसका मकसद इलेक्शन प्रोसेस को रोकना और मीडिया अटेंशन हासिल करना है.

यही कारण है कि अमेरिकी सिक्युरिटी एजेंसियां न्यूयॉर्क, वर्जनिया और टेक्साॅस पर खास तौर पर नजर रख रही हैं. एफबीआई न केवल इसको लेकर तैयारी में लगी है बल्कि इंटेलिजेंस ऑफिशियल्स ने भी संभावित हमले की चेतावनी को लेकर ज्वाइंट टेररिज्म टास्क फोर्स को अलर्ट कर दिया है.

जानकारों का भी मानना है कि आईएस का सरगना बगदादी और उसके लड़ाके जिस प्रकार इराक के शहर मौसुल मेें घिर गए हैं उसको देखते हुए वे कुछ भी कर सकते हैं.

दुनिया में छिपे अपने लड़ाकों को संदेश भेजकर वे अमेरिकी लोगों पर हमले जैसी घृणित कार्रवाई को भी अंजाम दे सकते हैं.