Categories: डेटिंग

क्या आपकी गर्लफ्रेंड आपको वेट करवाती है? शायद इसलिए!

तो आपने बड़ी जद्दोजेहद करके अपने लिए एक डेट ढूँढी और फिर तय हुई मिलने की जगह और वक़्त!

तैयार होकर, राजा बाबू बनकर आप पहुँचे डेट की जगह और वहाँ हो गया आपके साथ धोखा!

बड़ा इंतज़ार हुआ, काफ़ी शर्मिंदगी हुई और फिर आपकी गर्लफ्रेंड वहाँ आई ही नहीं! आप अकेले ही चाय-कॉफ़ी पी कर अपनी दुम अपनी टांगों के बीच दबाये दिल के ज़ख्मों को संभाले घर लौट आये!

हुआ कभी ऐसा?

मैं बताता हूँ कि आखिर ऐसा होता क्यों है! क्यों गर्लफ्रेंड पहले तो हाँ करती हैं और फिर एन मौक़े पर गायब हो जाती हैं?

1) घबराहट

जब तक आपकी तसवीरें देखीं थीं फ़ेसबुक पर, आपसे चैटिंग हुई थी, तब तक तो ठीक था, लेकिन जहाँ बात हुई आमने-सामने मिलने की, वहाँ लड़कियों के हाथ-पाँव फूलने लगते हैं! ख़ास डेट पर आने से पहले ही उन्हें लगता है कि शायद उनका फैसला ग़लत है और इसीलिए वो गोली दे जाती हैं!

2) कोई मिल गया

और सिर्फ़ “कोई” नहीं, कोई आपसे बेहतर मिल गया! हाँ यार, ऐसा नहीं कि आप अकेले ही उनकी मोहब्बत की रेडार पर झूम रहे थे! आपके अलावा भी कुछ और आशिक़ होंगे और हो सकता है कि आपसे ज़्यादा उन्हें कोई और पसंद आ गया! बस, आप को टांग दिया गया सूली पर!

3) झूठी पर्सनैलिटी

तसवीरें तो दिखाई होंगी उन्होंने अपनी आपको! और आपको लगा होगा किस्मत खुल गयी, एक सुन्दर जवान लड़की आप में इंटरेस्ट दिखा रही है! लेकिन सच ये भी हो सकता है कि वो कोई अधेड़ उम्र की महिला हों जो सिर्फ़ दिल बहलाने के लिए आपसे आज तक बातें कर रही हों ये भली-भाँती जानते हुए कि असलियत सामने आई तो आप उन्हें पूछेंगे भी नहीं! इस झूठ की बिनाह पर कैसे मिलने आएँगी भला?

4) कहीं आप तो झूठे नहीं?

ये भी हो सकता है कि आपने अपनी झकास वाली तसवीरें दिखा डालीं लेकिन हक़ीक़त में आप उन तस्वीरों के डुप्लीकेट भी नहीं दिखते! बस, हो सकता है कि वो वहाँ आयीं, आपकी नज़र पड़ने से पहले उनकी नज़र आप पर पड़ गयी, पहचान लिया आपका सच और जान बचा के भाग गयीं! तो भैया असली तस्वीर ही दिखाना, झूठ पर डेटिंग नहीं होती!

5) दिमाग़ ख़राब

ये होने के चान्सेस बहुत ही कम होते हैं लेकिन होते ज़रूर हैं! कुछ लड़कियों को शौक़ होता है लड़कों की फिरकी लेने का और कुछ की यह मस्ती की आदत एक सोशिओपैथ की सीमाएँ पार कर जाती है! ऐसे में ख़ुद को खुशकिस्मत समझना कि बड़े पंगे में फंसने से बच गए!

डेटिंग बहुत मुश्किल नहीं है लेकिन आसान भी नहीं है! फूँक-फूँक के क़दम रखने पड़ते हैं! सच्चाई के साथ चलोगे तो सही पार्टनर मिल पायेगा वरना ऐसे ज़लील होने के तो और भी रास्ते हैं!

गुड लक!

Nitish Bakshi

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