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सिर्फ इस एक मकसद को पूरा करने के लिए भगवान ने आपको धरती पर भेजा है

कभी-कभी आपके मन में भी ये ख्‍याल जरूर आता होगा कि भगवान ने आखिर हमें धरती पर क्‍यों भेजा है। क्‍या सच में ऐसा होता है कि हम किसी खास मकसद को लेकर जन्‍म लेते हैं।

शायद कहीं ना कहीं ये बात बिलकुल सच है कि ईश्‍वर ने हमें धरती पर किसी खास मकसद से भेजा है और हम सभी का मकसद अलग-अलग है। अरबों आकाशगंगा वाले इस ब्रह्मांड के आकार के बारे में अच्‍छी तरह से जानते हुए भी आप कैसे सोच सकते हैं कि आपके अस्तित्‍व के बारे में ईश्‍वर को पता है।

आज भी जीवन एक शानदार अनुभव है लेकिन इसके साथ जो सबसे बड़ी समस्‍या है वो ये है कि आप सहजता से अपने जीवन को नहीं जी पा रहे हैं। अगर आपके मन में भी ऐसे ख्‍याल आते हैं तो इसका मतलब है कि आप अपनी बुद्धि को नहीं संभाल पा रहे हैं। अगर हम आपके दिमाग के एक चौथाई हिस्‍से को निकाल लें तो आपको ऐसी कोई समस्‍या नहीं रहेगी।

मन में ऐसा सवाल विकास की प्रक्रिया की देन हो सकती है। हमारे पास बुद्धि भले ही है लेकिन फिर भी हम बंदरों के साथ रहना चाहते हैं। आपकी बुद्धिमत्ता ही आपकी सभी समस्‍याओं की जड़ है। इसकी वजह यह है कि जब आप बड़े हो रहे थे तो उस समय आपमें जरूरी अनुशासन और संतुलन लाने की कोशिश नहीं की गई थी

इस धरती पर मौजूद सभी प्राणियों में मनुष्‍य के पास ही बुद्धि है और इस वजह से वो सबसे ऊपर है। दिमाग का इस्‍तेमाल करने के लिए आपने कभी भी जरूरी स्थिरता और संतुलन पाने की कोशिश नहीं की।

जीवन का मकसद यही है कि आपको पूर्ण विकसित जीवन जीना होगा और जीवन को उसकी संपूर्णता में जानना और जी भरकर जीना ही सबसे बड़ा उद्देश्‍य है। जीवन को जी भर कर जीने का मतलब है कि आप जीवन के किसी भी पहलू को बिना छानबीन किए ना छोड़ें।

अगर आप अपने जीवन में हर चीज़ को मर्जी से कर पाने की स्थिति में आ गए तो आप एक चेतनापूर्ण जीवन जी सकते हैं। चेतनापूर्ण जीवन के बाद ही आप यह जान पाएंगें कि जीवन क्‍या है। एक अचेतन मन जो यह नहीं जानता कि जीवन क्‍या है, वही जीवन में अपने लिए मकसद तैयार करने की कोशिश करता है। यह मकसद भी कहीं और से आता है। लोग सोचते हैं कि निर्देश ऊपर वाले के यहां से आने चाहिए। अगर आपके भीतर की मानवता ठीक से काम करने लगे तो आपको क्‍या करना चाहिए और क्‍या नहीं, इसके लिए किसी भी ईश्‍वरीय निर्देश की जरूरत नहीं है। किसी भी समझदार इंसान को इसके लिए किसी उपदेश की जरूरत नहीं है लेकिन चूंकि लोग जीवन प्रक्रिया की भव्‍यता की ओर ध्‍यान नहीं देते इसलिए वे अपने लिए एक मकसद तैयार करने में जुटे रहते हैं। सच तो यह है कि जीवन की प्रक्रिया ही जीवन का मकसद है।

यह अच्‍छा है कि आपको आपके लक्ष्‍य ने हरा दिया है और अब आप जीवन की प्रक्रिया की ओर देख रहे हैं।

जीवन का मकसद यही है कि आप खुलकर जीएं और प्रसन्‍न रहें। मनुष्‍य रूप में जीवन बहुत मुश्किल से मिलता है इसलिए इसकी कद्र करें।