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क्या हमारा देश दुश्मनों से घिरा हुआ है?

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भारतीय उपमहाद्वीप में भारत सबसे बड़ा देश है|

और विभाजन के बाद से हमने पाकिस्तान को अपना सबसे बड़ा दुश्मन माना है|

लेकिन कहीं ना कहीं हम यह भूल गए कि हमारे आस-पास और भी पडोसी देश हैं जिनके इरादे हमारे लिए नेक ही हों, ऐसा कोई ज़रूरी नहीं है| वक़्त के साथ अब यह बात साफ़ हो गयी है कि हम जितना मर्ज़ी दोस्त-दोस्त चिल्ला लें, जिसे दुश्मनी निभानी है, वो दुश्मनी ही निभाएँगे!

हमारे दूसरे पड़ोसी मुल्कों में ख़ास हैं नेपाल, श्री लंका, म्यांमार, बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन! इन सब देशों के नाम सुनकर ख्याल आता है – क्या हमारा देश दुश्मनों से घिरा हुआ है ?

पाकिस्तान और चीन के साथ हम लड़ाईयाँ लड़ चुके हैं और उनके दिल में हमारे लिए क्या है, हम अच्छी तरह जानते हैं!

अब बात करें श्री लंका की तो वहाँ तमिलों के साथ जो अन्याय हो रहा है, उसकी गूँज यहाँ तक सुनाई देती है| उतना भी होता तो काफ़ी था लेकिन अब खबरें आने लगी हैं कि उस देश की ज़मीन आतंकवादियों ने अपनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करनी शुरू कर दी है और वो भी भारत के ख़िलाफ़! वहाँ की सरकार उन्हें कितना रोक पाएगी, यह कह पाना बहुत ही मुश्किल है लेकिन ऐसे कोई भी ग़ैर-क़ानूनी काम क़ानून की मिली-भगत के बिना नहीं होते!

अब आते हैं नेपाल की तरफ!

यह तो कितने सालों से सब जानते हैं कि नेपाली सीमापार से आये दिन जाली नोटों, बंदूकों और असले की तस्करी की जाती है! इतना ही नहीं, सीमापार से आतंकवादियों का भारत आना-जाना भी लगा रहता है जिनकी मंशा देश में सिर्फ़ कोहराम मचाने की ही है!

बांग्लादेश से घुसपैठिये आये दिन भारत में दाखिल होते हैं और उन्हें रोकने वाला या उन पर अंकुश लगाने वाला कोई नहीं है! भारतीय सरकार ने कितनी ही बार बांग्लादेशी सरकार से दरख़्वास्त की है कि वो अपने देश में चल रहे भारत के ख़िलाफ़ आतंकवादी कैम्प्स को बंद करवाएँ पर अभी तक कोई ख़ास नतीजा नहीं निकला!

म्यांमार में तो हाल ही में भारतीय सेना के जवानों ने घुसकर कितने ही आतंकवादियों का सफ़ाया किया है| लेकिन वो सिर्फ़ मुट्ठीभर ही थे, अभी भी सैकड़ों आतंकवादी सीमा पार तैयारी कर रहे हैं भारत पर छुप कर हमला बोलने की!

अब इन सभी देशों में कौन सच्चा दोस्त है, कौन झूठा, कह पाना मुश्किल है| सबसे आसान जवाब यही मिलता है कि यह सब पाकिस्तान का किया-धरा है और बाकि देश उसकी करनी का फल भुगत रहे हैं! देखिये यह सभी देश, चीन को छोड़ के, भारत के सामने कोई ख़ास हैसियत नहीं रखते और शायद इसीलिए उनके दिल में आता है कि सीधे तरीके से नहीं तो इस दोगले तरीके से भारत को नुकसान पहुँचाया जाए! वरना एक ही देश यानि कि पाकिस्तान, कैसे इतने सारे देशों में अपने आतंकवादी छुपा कर रख सकता है और जब चाहे उन्हें सीमा पार हिंदुस्तान भिजवाने की जुर्रत कर सकता है?

हमारी सरकार सभी से अच्छे सम्बन्ध बनाना चाहती है जो बिलकुल सही भी है|

लेकिन ऐसा करते समय उन्हें यह ज़रूर करना चाहिए कि जिन देशों की ज़मीन का हमारे ख़िलाफ़ हमले के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, उन्हें यह बात समझा दी जाए कि यह हरकतें हम ज़्यादा दिन तक सहेंगे नहीं!

दोस्ती का यह मतलब नहीं की चूड़ियाँ पहनी हैं हमने!

दोस्ती निभाएँगे तो मरते दम तक, दुश्मनी में भी कोई कमी नहीं छोड़ेंगे!