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भारत से मात्र 700 किमी दूर है यह चीनी खतरा

भारत का दुश्मन चीन

भारत का दुश्मन चीन धीरे धीरे कर उसके नजदीक पहुंचने की कोशिश कर रहा है.

भारत का दुश्मन चीन जो अपनी रणनीति के मुताबिक चारों ओर से घेरकर भारतीय सीमा पर दवाब बनाने की कोशिश कर रहा है.

इसी रणनीति के तहत अब वह भारत की समुद्री सीमा के नजदीक आ रहा है. भारत का दुश्मन चीन भारत की सीमा से महज 700 किलोमीटर से भी कम दूरी पर है.

भारत को घेरने की चीन की मुहिम में पड़ोसी पाकिस्तान उसकी भरपूर मदद कर रहा है. हाल में पाकिस्तान ने घोषणा की है कि चीन की नौसेना पाकिस्तान में अपनी नौसेना तैनात करेगी.

चीन पाकिस्तान में ग्वादर में बन रहे सीपेक यानी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा, जो एक सामरिक महत्व का बंदरगाह है उसकी और व्यापारिक रास्तों की हिफाजत के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर वहां अपनी नौसेना को तैनात करने जा रहा है.

आपको बता दे कि यहां से भारत की सीमा रेखा बहुत नजदीक है.

भारत का दुश्मन चीन और पाकिस्तान की भारत के खिलाफ यह योजना काफी चिंताजनक है.

दरअसल, चीन का टारगेट जमीन के बाद अब भारत को समुद्र के रास्ते घेरने का है. चीन पहले तिब्बत पर कब्जा करके भारत की जमीनी सीमा के नजदीक आ चुका है अब वह समुद्र के रास्ते भारत के नजदीक आकर देश के लिए खतरा बन रहा है.

पाकिस्तानी नौसेना के अधिकारी के हवाले से जो खबरे मीडिया में आई हैं उससे साफ है कि चीन और पाकिस्तान ग्वादर बंदरगाह को क्रियान्वित करने इसके तहत आर्थिक गतिविधियों के बहाने इस क्षेत्र में तेजी से समुद्री बलों की भूमिका बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं. गौरतलब है कि इससे पहले चीन यह कहने से हमेशा बचता रहा है कि उसकी योजना ग्वादर में नौसैन्य पोत तैनात करने की है. लेकिन अब पाकिस्तान के नौसेना अधिकारी के बयान ने भारत के साथ अमेरिका के लिए भी चिंता पैदा कर दी है.

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में ग्वादर बंदरगाह चीन और पाकिस्तान की सैन्य क्षमताएं बढ़ाएगा व अरब सागर में चीनी नौसेना की आसान पहुंच को संभव बनाएगा. इतना ही नहीं ग्वादर में नौसैनिक अड्डा होने से चीनी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में अपने बेड़े की मरम्मत और रखरखाव जैसे कार्य के लिए भी बंदरगाह का इस्तेमाल करेगा.

दरअसल, पाकिस्तानी रक्षा अधिकारी चाहते हैं कि चीनी नौसेना हिंद महासागर और अरब सागर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराए. ताकि भारत के साथ अमेरिका पर भी दवाब बनाया जाए. इतना ही नहीं, पाक नौसेना चीन और तुर्की से तेज गति वाले जहाज खरीदने पर भी विचार कर रही है ताकि सुरक्षा लिहाज से ग्वादर बंदरगाह पर अपनी एक विशेष टुकड़ी तैनात कर सके.

वहीं दूसरी ओर यह भी खबर है कि इस आर्थिक गलियारे को लेकर पाकिस्तान के अंदर भी काफी सवाल खड़े हो रहे हैं.

खबरों के मुताबिक, पाकिस्तानी सरकार द्वारा चीन को इतनी दखलंदाजी किए जाने की इजाजत पर आपत्तियां खड़ी हो रही हैं. साथ ही ये सवाल भी उठ रहे हैं कि यदि चीन भविष्य में भारत के साथ व्यापार के लिए इस सीपेक का इस्तेमाल करेगा तो क्या पाकिस्तान के पास इसको रोकने का अधिकार होगा.