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कुछ ऐसा है देश के शाही परिवारों का ठाट-बाट !

शाही परिवारों का ठाट-बाट

शाही परिवारों का ठाट-बाट – भारत में आजादी से पूर्व शाही परिवारों का ज्‍यादा राज़ चलता था। अब तो देश में गिने-चुने राजपरिवार ही रह गए हैं। शाही परिवार के लोग आलीशान महल, रॉयल-लग्‍जरी गाडियां और नौकर-चाकरों जैसी सुविधाओं में जीते हैं।

आज हम आपको भारत के शाही परिवारों का ठाट-बाट और उनके रहन-सहन के बारे में बताएंगें।

शाही परिवारों का ठाट-बाट –

1 – जोधुपर का शाही परिवार

जोधपुर के शाही परिवार के पास सबसे ज्‍यादा संपत्ति है। इस फैमिली के प्रमुख गज सिंह हैं। इनमे पास उमेद भवन है जिसमें 350 कमरे हैं। ये किसी फाइव स्‍टार से कम नहीं है। कई संस्‍थाओं ने इसे बेस्‍ट होटल का अवॉर्ड दिया है। इसके अलावा जोधपुर के शाही परिवार के पास और भी किले और महल हैं।

2 – बीकानेर शाही परिवार

इस शाही परिवार का एकमात्र वारिस राजश्री हैं। इन्‍हें बंदूकों और शूटिंग का बहुत शौक है। ये कई एनजीओ चलाती हैं। इनका अपना खुद का हेरिटेज होटल है। इनके ठाट-बाट और कपड़ों की चर्चा तो अखबारों में होती रहती है।

3 – अल्सिसार शाही परिवार

इस वंश की 16वीं पीढ़ी को कुंवर अभिमन्‍यु सिंह संभाल रहे हैं। इन्‍हें किंग ऑफ खत्री भी कहा जाता है। इनके पास 1953 मॉडल की जीप भी है। इस जीप को अमेरिका ने कोरिया को पाकिस्‍तान युद्ध के दौरान किया था। इनके पास फाइव स्‍टार होटल और महल भी हैं।

4 – राजकोट रॉयल परिवार

इस शाही परिवार के पास अरबों की संपत्ति है। इसका राजपाट अब युवराज मंधातासीन जड़ेजा के पास है। इन्‍होंने हाइड्रो प्‍लांट और बायोफ्यूल प्‍लांट में करीब 100 करोड़ रुपए निवेश किए हैं। इसके अलावा अमेरिका की एक पिज्‍जा चेन से गुजरात के लिए भी करार किया गया है। इनके पास रोल्‍स रॉयस गाडियों की जबरदस्‍त कलेक्‍शन है। इसे देखने के लिए बॉलीवुड सिलेब्रिटी भी बेताब रहते हैं।

तो कुछ इस तरह है शाही परिवारों का ठाट-बाट । अगर ये लोग अपने ठाट-बाट से ज्‍यादा गरीबों की भलाई में अपना पैसा लगाएं तो देश का कुछ भला हो सकेगा।