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जानिए भारतीय रेल का सफरनामा !

भारतीय रेलवे का इतिहास

भारतीय रेलवे का इतिहास – भारतीय रेल का नेटवर्क आज दुनिया में अमेरिका, रूस एवं चीन के बाद चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क हैI

वहीं, तकनीक के मामले में भारतीय रेल इनसे काफी हद तक पीछे हैI भारतीय रेल का नेटवर्क 1.16 लाख कि.मी. लंबा हैI इस नेटवर्क पर 15 हज़ार रेलगाड़ियाँ दौड़ती हैं और और ये 6 हज़ार स्टेशनों को जोड़ कर रखती हैI

गौरतलब है कि करीब 2 करोड़ लोग रोज़ रेलगाड़ियों के ज़रिए अपने गंतव्य तक पहुंचते हैंI

भारतीय रेल्वे दुनिया में शायद सबसे सस्ता रेल्वे है जहाँ 10 पैसे प्रति कि.मी. की दर से किराया लिया जाता हैI जबकि बसों में किराया इससे 10 गुना ज़्यादा होता है यानी 1 रूपए प्रति कि.मी. के करीबI टिकट दर कम होने से यात्री रेलगाड़ियों से ही यात्रा करना पसंद करते हैं व इसीलिए रेलगाड़ियों के डिब्बों में लोग खचाखच भरे रहते हैंI

भारतीय रेलवे का इतिहास

भारतीय रेलवे का इतिहास – देश में पहली बार 22 दिसंबर, 1851 को रेल पटरी पर दौड़ी थीI वहीं, पहली यात्री रेल 16 अप्रैल, 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच चलीI इस 35 कि.मी. के सफ़र में भाप के इंजन के साथ कुल 14 डिब्बे थेI यात्री डिब्बों को वातानुकूलित करने का कार्य 1936 में पूरा हो पायाI गौरतलब है कि भारतीय रेल्वे अधिनियम को 1890 में पारित करवाया गया था व इसका राष्ट्रीयकरण वर्ष 1950 में हुआ थाI वर्तमान में भारतीय रेल्वे में कुल 13.1 लाख कर्मचारी कार्यरत हैंI

भारतीय रेलवे का इतिहास

नई रेल्वे लाइन डालने व अन्य सुविधाओं के लिए भारतीय रेल्वे को काफी पूंजी की ज़रूरत है पर राजनीतिक कारणों से पिछले 8-12 सालों में रेल्वे का इतना कम किराया बढ़ाया गया है जो आज के हिसाब से कुछ भी नहींI वोटों की राजनीति के चलते ही भारतीय रेल्वे को मोहरा बनाकर किराए में बढ़ोत्तरी नहीं की जा रही जिससे भारतीय रेल्वे का कायाकल्प नहीं हो पा रहाI

जनता की सुविधा हेतु 3 तरह की रेलगाड़ियाँ चलाई जाती हैं जिन्हें पैसेंजर, एक्सप्रेस एवं मेल (एक्सप्रेस) के नामों से जाना जाता हैI किराए की बात की जाए तो इनमें से सबसे कम किराया पैसेंजर ट्रेन का होता है फिर एक्सप्रेस और मेल (एक्सप्रेस) का सबसे ज़्यादा किराया पड़ता हैI पटरियों की बात करें तो भारतीय रेल्वे में तीन तरह की पटरियां होती हैं- बड़ी लाइन, छोटी लाइन व संकरी लाइनI इनमें से बड़ी लाइन की पटरियों का नेटवर्क भारत के अधिकांश इलाकों तक फैला हुआ हैI ज्यादातार रेलगाड़ियां भी इसी पटरी पर से गुज़रती हैं.

भारतीय रेलवे का इतिहास

भारतीय रेलवे का इतिहास रोचक है – भारतीय रेलवे बहुत से रोचक तथ्यों को समेटे अपने आप में एक अनूठा नेटवर्क हैI 1072 मीटर लंबे खड़गपुर रेल्वे स्टेशन को दुनिया का सबसे लंबा रेल्वे प्लेटफार्म माना जाता हैI वहीं, फेयरी क्वीन दुनिया में सबसे पुराना इंजन माना जाता है जो अभी भी कार्यरत हैI भारतीय रेल्वे के अंतर्गत एक विशेष तरह की रेल भी चलाई जाती है जिसे लाइफलाइन एक्सप्रेस के नाम से जाना जाता हैI इसे हॉस्पिटल ओन व्हील भी बुलाते हैं जिसमें ऑपरेशन रूम से लेकर इलाज तक की सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैंI

सबसे लंबी दूरी की रेल के बारे में बात की जाए तो कन्याकुमारी और जम्मू-तवी के बीच चलने वाली हिमसागर एक्सप्रेस का नाम आता है जिसका रूट 3745 किलोमीटर हैI कुछ और महत्वपूर्ण बातों का ज़िक्र किया जाए तो जन शताब्दी ट्रेन की शुरुआत वर्ष 2002 में हुई थीI

इंटरनेट के ज़रिए आरक्षण लेने का प्रावधान साल 2004 से प्रारंभ हुआI

वहीं, 2007 में टेलीफोन नंबर 139 द्वारा सामान्य ट्रेन पूछताछ सेवा समूचे देशभर में शुरू की गई थीI इसी के साथ सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल ट्रेवलर्स ने भारत की भव्य गाड़ियों को जिनमें डेक्कन ओडिसी, पैलेस ऑन व्हील्स एवं करीब 100 साल पुरानी टॉय ट्रेन शामिल हैं उन्हें विश्व की 25 सर्वश्रेष्ठ ट्रेनों की सूची में शुमार किया गया हैI

ये है भारतीय रेलवे का इतिहास !