विशेष

अगर ये 5 रुसी हथियार भारत को मिल जाये तो दुश्मन की खैर नहीं

भारत के दो पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन जिस प्रकार भारत को घेरने की रणनीति बना रहे हैं.

उसको देखते हुए भारत को जल्द से जल्द अपने रक्षा बेड़े में आधुनिक हथियारों को शामिल करना अत्यंत आवश्यक है.

चीन साउथ चाइना सी से लेकर पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट तक पहुंच बनाकर भारत को चुनौती दे रहा है. भारत ने भी चीन और पाकिस्तान की ओर से मिलने वाली इस संयुक्त चुनौती को देखते हुए अपने रक्षा बेढे़ में आधुनिक हथियारों का जखीरा बढ़ाना शुरू कर दिया है.

भारत रूस से अभी तक का सबसे बड़ा रुसी हथियार का रक्षा सौदा करने जा रहा है.

इनमें ऐसे घातक रुसी हथियार भी हैं जिनके मिलने के बाद चीन और पाकिस्तान भारत पर हमला करने से पहले कई बार सोचेंगे.

रुसी हथियार का सौदा –

1 –  कलीबर मिसाइल सटीक दिशा-सूचक प्रणाली से लैस हैं जो जमीनी ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर देती हैं. रूसी सेना ने हाल ही में सीरिया में बशर अल असद की सरकार विरोधी सेना के ठिकानों को तबाह करने में इन्हीं मिसाइलों का प्रयोग किया था. ये एकदम सटीक मार करते हैं. जिनको पाने के बाद भारतीय सेना की युद्ध-क्षमता बहुत बढ़ जाएगी.

2 – रूस के इस मिसाइल प्रणाली की दुनिया में तारीफ हो रही है. रूसी एस-400 सिस्टम में अलग-अलग क्षमताओं वाली तीन तरह की मिसाइल हैं, जो सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक स्पीड से उड़ कर दुनिया में जमीन से हवा में मार करने वाला सबसे आधुनिक मिसाइल सिस्टम माना जाता है.

3 – चीन बहुत जल्द अपने हवाई बेड़े में 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान शामिल करने वाला है. इसको देखते हुए भारत भी 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान खरीदने के लिए रूस से एक महत्वपूर्ण समझौता करने जा रहा है. इन विमानों के आ जाने के बाद भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. भारत इस प्रौद्योगिकी के आधार पर 100 से अधिक लड़ाकू विमानों का उत्पादन करेगा.

4 – रूस और भारत संयुक्त रूप से में 200 कामोव 226 टी हेलीकाप्टरों का उत्पादन करने जा रहे हैं. इन 200 हेलीकाप्टरों में से 60 हेलीकाप्टरों का रूस में उत्पादन किया जाएगा जबकि शेष 140 हेलीकाप्टरों का उत्पादन रूसी टेक्नोलौजी से भारत में होगा. चीता और चेतक हेलीकाप्टर काफी पुराने पड़ चुके हैं.

5 – भारत रूस से IL- 78 मल्टी-रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट एअर क्राफ्ट खरीदने जा रहा है. इनकी खासियत है कि इनके आने के बाद युद्ध के दौरान लड़ाकू विमानों को तेल भरने के लिए जमीन पर नहीं ऊतरना पड़ेगा. यह सौदा वर्ष 2006 से अटका पड़ा है.

केंद्र में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने की दिशा में सरकार ने हाल के दिनो में तेजी से कदम उठाए हैं. भारत रूस के साथ करीब 39 हजार करोड़ रूपए का रक्षा सौदा करने जा रहा है. जो वर्ष 2001 के बाद भारत का रूस से सबसे बड़ा सौदा है.

इसके अलावा भारत और रूस मिलकर कई अहम रक्षा सौदा को भी मंजूरी दे सकते हैं. क्योंकि वर्तमान हालात में देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए ये बेहद जरूरी है कि भारतीय सेनाओं को आधुनिक और संहारक हथियारों से लैस किया जाए.

Vivek Tyagi

Share
Published by
Vivek Tyagi

Recent Posts

दिल्ली दंगे: कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां दंगे वाली जगह खजूरी ख़ास में आखिर क्या कर रही थीं?

दिल्ली हिंसा में अभी तक 42 लोग अपनी जान गवा चुके हैं 300 से ज्यादा…

4 years ago

नयी भाषा सिखने के ५ सरल तरीके बजट में बना सकते है अगली यात्रा स्वर्णीय

किसी तरह की विदेश यात्रा किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत शोभायमान होता हैI विशेषकर…

4 years ago

सेल्फी लेने की आदत को कह देंगे अलविदा, जब जानेंगे इसकी साइड इफेक्ट्स !

आज कल सेल्फी लेने का ट्रेंड काफी ज़ोरों पर है. अगर आप भी सेल्फी लेने…

5 years ago

शादी के बाद इन बातों को किया नज़रअंदाज़, तो हो जाएंगे मोटापे के शिकार !

मोटापा किसी को भी अच्छा नहीं लगता... लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि शादी…

5 years ago