भारत

आर्मी चीफ की गलत जानकारी की वजह से भारत के हाथ से निकल गया लाहौर

लाहौर – भारत और पाकिस्‍तान का‍ रिश्‍ता भी बड़ा अजीब है।

प्‍यार होते हुए भी सीमा पर जंग जारी रहती है। भारत ने हमेशा से ही पाकिस्‍तान के आगे दोस्‍ती का हाथ आगे बढ़ाया है लेकिन पाक ने हर बार उसे हाथ को ही काटने की कोशिश की है।

आज हम आपको भारत और पाकिस्‍तान की जंगी दुश्‍मनी का एक किस्‍सा सुनाने जा रहे हैं जो वाकई में काफी दिलचस्‍प है।

1965 की जंग

1965 में भारत और पाक के बीच जंग हुई और उस समय जयंतो नाथ चौधरी आर्मी चीफ थे। इनसे पहले आर्मी चीफ प्रेम नाथ थापर थे जिन्‍होंने 1962 की जंग में हार के बाद इस्‍तीफा दे दिया था। तत्‍कालीन रक्षा मंत्री यशवंत राव चव्‍हाण ने अपनी वॉर डायरी में लिखा है कि चौधरी बहुत जल्‍दी डर जाया करते थे और अगर वो उन्‍हें फ्रंट पर जाने के लिए कहते थे तो वो इससे भी खौफ खा जाते थे।

इतना डर था कि पाक के आगे घुटने टेक दिए

उनके इस डर का एक किस्‍सा मशहूर है।

जंग के दौरान 20 सितंबर को प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्‍त्री ने आर्मी चीफ से पूछा कि अगर जंग और कुछ दिन चले तो भारत को क्‍या फायदा होगा। सेना प्रमुख ने कहा कि आर्मी के पास गोला-बारूद खत्‍म हो रहा है और अब भारत, पाक से नहीं लड़ सकता है। उन्‍होंने पीएम को सलाह दी कि भारत को संघर्षविराम का प्रस्‍ताव मंजूर कर लेना चाहिए। बाद में पता चला कि भारतीय सेना के पास जितना गोला-बारूद था उसमें से बस 14 से 20 फीसदी ही जंग में खर्च हुआ था। अभी भारत के पास इतना गोला-बारूद था कि वो पाक को मुंह तोड़ जवाब दे सकता था। ऐसे नाजुक मौके पर सेनाध्‍यक्ष की इस बेवकूफाना भरी हरकत के कारण भारत को हार का मुंह देखना पड़ा।

आर्मी चीफ की गलतियां यहीं खत्‍म नहीं होती हैं। उस समय भारतीय सेना लाहौर तक पहुंच गई थी और सियालकोट पर भी कब्‍जा करने वाले थी लेकिन आर्मी चीफ की बेवकूफी की वजह से शास्‍त्री जी ने सेना को रोक दिया।

जब पाकिस्‍तानी सेना ने पंजाब के खेमकरन पर हमला किया तो उस समय वहां पर भारतीय सेना के कमांडर हरबख्‍श सिंह तैनाती पर थे। आर्मी चीफ ने हरबख्‍श सिंह को ऑर्डर दिया कि वो किसी सुरक्षित जगह पर चले जाएं लेकिन हरबख्‍श सिंह ने इसे मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद हुई थी असल उत्तर की लड़ाई।

भारतीय सेना के हवलदार अब्‍दुल हमीद ने बहादुरी दिखाते हुए पाक के कई पैटन टैंब ध्‍वस्‍त कर दिए। 10 सितंबर की रात को भारत ने जवाबी हमला किया था। इसमें पाक सेना को खदेड़ दिया गया। इस दौरान पाकिस्‍तानी सेना अपनी 25 तोपों को छोड़कर भाग खड़ी हुई थी। टैंक का ईंजन चल रहा था और उसमें लगे वायरलेस सेट चालू थे। आप सोच ही सकते हैं पाकिस्‍तान के लिए वो कितनी शर्मनाक हार थी जबकि भारतीय सेना की बहादुरी से देश का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था।

लाहौर अपना होता – कहा जाता है कि अगर वो आर्मी चीफ ना होता या वो इतना डरपोक ना होता तो आज पाकिस्‍तान के लाहौर पर भारत का कब्‍जा होता।

Parul Rohtagi

Share
Published by
Parul Rohtagi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago