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भारत को क्यों माना जाता है कामसूत्र की जन्मभूमि

कामसूत्र की जन्मभूमि

कामसूत्र की जन्मभूमि – हम कितने भी आधुनिक क्यों न हो जाए लेकिन आज भी हम कई मुद्दों पर  सार्वजनिक तौर पर बात करना पसंद नहीं करते और जब सेक्स की बात हो तो हमें से कई निजी रुप से भी इस पर बात करना पसंद नहीं करते।

यही नहीं समाज के कई लोग लङके लडकियों तक के मिलने का विरोध करते हैं और लङके लडकियों का बात करना भी गलत समझते हैं हालाँकि इन सब के बावजूद भी बहुत से लोग भारत को कामसूत्र की जन्मभूमि मानते हैं । जिसे परिमाण भी मिले हैं।कामसूत्र की किताब को तीसरी सदी में लिखा था । जिसे भारत में काम वसना को लेकर एक अलग ही सोचने को देखने को मिलती है। हालांकि कामसूत्र का अर्थ सेक्स नही बल्कि आनंद लेना होता है । यानि कोई चीज जो आनंद पाने के लिए करी जाए । इतिहासकारो के अनुसार कामसूत्र की किताब के दूसरे आध्याय में सेक्स की बात कही गई है। और सेक्स की कुछ पोजिशनस को विस्तार से समझाया गया है।

लेकिन एक बात जो गौर करने वाली है वो ये कि ये किताब पुरुष और महिला दोनो के विचारों का सम्मान करती है और सेक्स के लिए महिला की सहमति जरूरी मानती हैं।

इसके अलावा भारत के कई प्राचीन मंदिरों की दीवारों पर उकेरी गई देवी देवताओं की कला कृति यहाँ आने वाले पर्यटकों को उत्तेजित करती है। कई मूर्तियों में अप्सराओं को श्रंगार करते हुए, मटके से पानी ले जाते हुए दिखाया है तो कई मूर्तियों में पुरुष महिला के कामुक मुद्राओं को दिखाया है, जो ये साबित करती है उस वक्त के समाज की सोच कितनी परिपक्व थी।

जिन चीजों पर समाज का कोई भी वर्ग खुलकर बात करना तक पसंद नही करता। उसी देश में कई ऐसे अवशेष हैं जो इसे कामसूत्र की जन्मभूमि की तरफ इशारा करते हैं।

भारत में कई  एक के बाद एक कई धर्मों का आगमन  हुआ और यही कारण है कि बहुत से विशेषज्ञ भारत  में कामुकता के पतन का कारण मुगलो को मानते हैं। क्यों मुगलों में महिलाओं पर और खुले विचारों पर काफी बंदिशे थी । हालांकि मुगलो के दौरान हुए विकास के चलते इस बात को सही नही ठहराया जा सकता । लेकिन बदलते दौर के साथ कई लोगो ने अपनी संस्कृति में सही और गलत चीजों की व्याख्या करना शुरू कर  दी। जिसमें सेक्स को गलत माना गया ।

लेकिन आज के दौर में सेक्सुअलटी से किसी व्यक्ति का चरित्र बताना कि अगर वो इन पर खुलकर बात कर सकता है तो उसके चरित्र में खराबी है । या फिर लडकियों के कपङो को उत्तेजना का  कारण बता कर बंदिशे लगाना गलत है।