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भारत और इजराइल मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी योजना बना रहे हैं कि…

भारत और इजराइल मिलकर

भारत को लेकर अक्सर डर के साए में जीने वाले पाकिस्तान को एक अजीब से डर ने जकड़ा हुआ है.

पाकिस्तान को डर है कि आने वाले दिनों भारत और इजराइल मिलकर पाकिस्तान को कई हिस्सों में तोड़कर कई देशों में विभाजित कर सकते हैं.

दरअसल, इस डर के पीछे पाकिस्तान की जो आंशका है भारत की अफगानिस्तान में बढ़ती सक्रियता को लेकर भी है. इससे भी अधिक डर पाकिस्तान को इस बात से है कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ और इजराइल की मोसाद ने पाकिस्तान का तोड़ने के लिए हाथ मिलाय हुआ और उन्होंने ऑपरेशन पाकिस्तान के लिए अफगानिस्तान अड्डा जमाया हुआ है.

इतना ही नहीं पाकिस्तान को यह भी आंशका है कि भारत ने अफगानिस्तान में अपनी सेना भी तैनात कर रखी है. ताकि जरूरत पड़ने पर वह पाकिस्तान की सेना पर पीछे से भी बार कर सके.

जबकि इसको लेकर भारत का कहना है कि अफगानिस्तान में भारत की जो सेना है वह वहां सैनिकों को ट्रेनिंग देने के लिए गई हुई है.

बहराल, आपको बता दें कि पाकिस्तान को जो डर है वह यह है कि भारत और इजराइल मिलकर पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को तबाह करने के लिए अफगानिस्तान में बैठे हुए है.

क्योंकि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से जहां भारत को खतरा है वहीं इजराइल की नीति है कि दुनिया में कहीं भी किसी भी इस्लामिक देश के पास परमाणु बम नहीं होना चाहिए.

लिहाजा भारत और इजराइल पाकिस्तान के परमाणु केंद्र के नजदीक बना रहना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने इसके लिए अफगानिस्तान को चुना है, जहां से पाकिस्तान का परमाणु केंद्र कहुटा काफी नजदीक है.

पाकिस्तान के रक्षा मामलों के जानकर वहां के मीडिया में अक्सर इस बात को लेकर चर्चा करते रहते हैं कि यदि कभी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है तो उस स्थिति में इजराइल और भारत न केवल वहां एयर स्ट्राइक करेंगे बल्कि इन देशों के कंमाडों परमाणु केंद्र को अपने कब्जे में भी लें लेंगे.

साथ ये दोनों देश पाकिस्तान को अस्थिर करने के लिए सिंध और बलूचिस्तान में कोवर्ट आपरेशन भी कर सकते हैं. इसके लिए इन्हें पाक सीमा के नजदीक किसी ऐसे स्थान की जरूरत थी जहां से बैठकर भारत और इजराइल मिलकर आसानी ने आपेरशन का अंजाम दे सके.

साथ पाकिस्तान को उर है कि जब से भारत में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब से पाकिस्तान के खिलाफ अभियानों में तेजी आई है. चाहे वह अफगानिस्तान के रास्ते हो या फिर बलूचिस्तान के रास्ते.

क्योंकि बलूचिस्तान से लेकर सिंध तक के नेता जिस प्रकार मोदी से खुद को पाकिस्तान से अलग करने के लिए मदद मांग रहे हैं उससे भी पाकिस्तान घबराया हुआ है.