ENG | HINDI

क्या मोदी वापस ला पायेंगे इस भारतीय जमीन के टुकड़े को जो चीन के कब्ज़े में है !

चीन के कब्जे में भारत की जमीन

जब जब कोई भारतीय इस खबर को पढ़ता है तो उसको खून खौलने लगता है.

जब उसे पता चलता है कि चीन के कब्जे में भारत की जमीन – चीन के कब्जे में आज भी भारत की करीब 65 हजार वर्ग किमी जमीन है. जो 1962 में चीन ने कब्जा ली थी.

यही नहीं चीन अभी कुछ समय पहले तक भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता था. जब केंद्र में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नेतृत्व में यूपीए की सरकार थी उस वक्त भी खबर आई थी कि लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन ने 640 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अपना कब्जा जमा लिया है.

चीन के कब्जे में भारत की जमीन – इस मामले के तूल पकड़ने के बाद मनमोहन सिंह की काफी फजीहत हुई थी.

इसको लेकर जांच दल बनाने की बात हुई थी. वहीं, चीन सीमा पर हालात का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से बनाई गई एक समिति के बारे में समझा जाता है कि उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चीनी सेना ने भारतीय जवानों को गश्ती के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक जाने की इजाजत नहीं दी थी.

इसी के चलते 640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में भारतीय सेना निगरानी नहीं कर पा रही. यह रिपोर्ट बाद में देश के नए प्रधानमंत्री मोदी को सौंपी गई थी.

इस पर विदेश राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह ने संसद की ऊपरी सदन राज्यसभा को बताया था कि जम्मू कश्मीर की लगभग 38,000 वर्ग किमी जमीन चीन के कब्जे में है.

सिंह ने यह भी बताया कि चीन और पाकिस्तान के बीच दो मार्च 1963 को हस्ताक्षरित तथाकथित चीन पाकिस्तान ‘सीमा करार’ के तहत पाकिस्तान ने अवैध रूप से पाक अधिकृत कश्मीर में 5,180 वर्ग किमी भारतीय जमीन चीन को दे दिया है.

चीन ने एक बार फिर दुस्साहस करते हुए भारत की जमीन को हड़प लिया.

इस बात का खुलासा हुआ है प्रधानमंत्री के सुरक्षा सलाहकार बोर्ड की तरफ से पीएम को सौंपी गई रिपोर्ट में. चीन लगातार भारतीय सीमा में घुसता रहा है और धीरे-धीरे भारत की जमीन पर कब्जा जमाता रहा और चीन के कब्जे में भारत की जमीन जाती रही.

वहीं, सरकार अब तक इस मामले में कोई ऐसी कार्रवाई नहीं कर पायी है जिससे भारत की जनता को लगे कि भारत चीन से अपनी जमीन वापिस पाने के लिए तैयारी कर रहा है.

केंद्र में जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भजबूत इरादों वाली सरकार आई है, उसके बाद से लोगों को बहुत उम्मीद है कि भारत चीन से अपनी जमीन वापिस लेने के लिए उस पर दवाब बनाएगा.

जानकारों का मानना है कि चीन इतनी जल्दी से नहीं मानने वाला है, क्योंकि कोई भी देश किसी दूसरे देश की कब्जाई हुई जमीन इतनी आसानी से खाली नहीं करते हैं. इसके लिए तो मोदी सरकार को भारत को सैन्य और आर्थिक रूप से भारत को इतना मतबूत बनना होगा कि वह चीन की घेराबंदी कर उसे अपने हथियार डालने के लिए विवश कर दे.

तब जाकर इसमें कुछ हो सकता है.

आपको बता दें कि मोदी सरकार आने के बाद से चीन पर लगातार दवाब बनाने की कोशिश की जा रही है. इस क्षेत्र में अब चीन को फ्री हैंड नहीं दिया जा रहा है.

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही चीन से अभी भारत की कब्जाई जमीन को मुक्त कराने में सफल न हो लेकिन वे इसकी बुनियाद तो डाल ही जाएंगे कि आने वाले समय में भारत इसको लेकर चीन को मजबूर कर सके.