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स्कूलों के नजदीक फैलता तंबाकू का ज़हर

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स्कूलों के नजदीक फैलता तंबाकू का ज़हर

भारत का संविधान विश्व का सबसे लम्बा संविधान है, हमारे पास कानून तो है पर उसका पालन करने वाले काफी कम हैं. कुछ लोग बड़े गर्व से कहते है “नियम तो बने ही तोड़ने के लिए हैं”.

क़ानूनी तौर पर भारत में सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करना अपराध है पर यह बहुत शर्म की बात है कि यहाँ कानून का पालन नहीं होता है. एक कानून यह भी कहता है कि स्कूल-कॉलेज के बाहर सिगरेट बेचना अपराध है और इसका जुर्माना भी है. भारत में सिगरेट सेवन करने की न्यूतम उम्र 18 है पर काफी संख्य में कम आयु के लोग इसका सेवन कर रहे हैं.

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हर साल भारत में 15 लाख लोगों की मौत धुम्रपान करने के कारण होती है और इनमें से 10 प्रतिशत पैसिव स्मोकर्स हैं. यानि धुम्रपान करने वाले व्यक्ति के नजदीक खड़े रहने वाले लोग. भारतीय सेंसर बोर्ड जो आज कल काफी चर्चा में है उसने काफी समय से फ़िल्मों में धुम्रपान के दृश्यों पर प्रतिबन्ध लगा रखा है, कुछ इसकी आलोचना करते हैं और कुछ इनके कार्य की प्रशंसा कर रहे है.

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आप शायद ऐसे लोगों को जानते होंगे या उनमें से ही एक होंगे. खैर धुम्रपान करना या नहीं करना वो निजी राय है पर स्कूल और कॉलेज के बाहर धुम्रपान करना या सिगरेट बेकना अपराध है. अपराध केवल क़ानूनी तौर पर नहीं बल्कि सामाजिक तौर पर भी. काफी सारे चौकाने वाले आंकड़े हैं, कम आयु में धुम्रपान करने वालों की मौत के बारे में, कायदों के बारे में, उनके उल्लंघन के बारे में, माननीय न्यायालय के आदेश के बारे में. परन्तु केवल आंकड़े बताना हमारा उद्देश्य नहीं है हम तो  बस आपसे यह अनुरोध करना चाहते हैं कि जब हम किसी की ज़िन्दगी सवार नहीं सकते, तो हमें उनकी ज़िन्दगी बिगाड़ने का भी कोई हक़ नहीं.

अब शायद आप यह कहेंगे की हम तो सिगरेट नहीं पीते,. ना ही किसी धुम्रपान करने वाले व्यक्ति को जानते हैं और ना ही सिगरेट पीने के लिए किसी को मजबूर करते हैं. आप बिलकुल सच बोल रहे होंगे, पर भगवान श्री कृष्ण ने भगवद्गीता में कहा है कि अन्याय सहन करना, अन्याय करने से बड़ा गुनाह होता है.

अगर आपकी या आपके मित्रों की या और किसी की भी, स्कूल कॉलेज के 100 गज के अन्दर ही कोई भी पान की दुकान हो, जो सिगरेट बेचते हों तो हमसे ज़रूर शेयर (share) कीजिये.

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हम न उसकी पुलिस में शिकायत करेंगे और ना ही उनके खिलाफ मोर्चा निकालेंगे, हम तो केवल उसे जनता के दरबार में उन्हीं के समक्ष रखेंगे और फिर जनता जनार्दन ही तय करेगी की आगे क्या करना चाहिए. आप किसी को गलत व्यसन से मुक्ति दिला सकते हैं, किसी का जीवन सुधार सकते है और अपराधियों के बुलंद हौसले को नष्ट भी कर सकते है.

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भारत · विशेष