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ये दिल मांगे मोर: अगर हिन्दू मर्द चार शादियाँ कर सकता तो !?

multiple-marriages

“चौबे जी छब्बे जी बनने गए दुबे जी रह गए”

यह कहावत सुनी हैं आप ने कभी?

यह हालत हर उस आदमी की होती हैं, जो एक शादी से कभी खुश नही रहता हैं.

उसका दिल उससे हमेशा कहता रहता  हैं “ये दिल मांगे मोर”

कहते हैं न कि हर आदमी को दोनों हाथों में लड्डू चाहिए होते हैं, भले ही उसे खाने के बाद उसे लूसमोशन क्यों न हो जाये और वो भी एकदम ख़तरनाक वाला!!!  लेकिन शादी के उस लड्डू से उसका मोह नहीं छुट पाता हैं. ऐसे इंसान को शादी के बाद की रंगीनियां तो दिखती हैं, लेकिन उन रंगीनियों के बाद ज़िन्दगी में जो रायता फैलता हैं उससे हर कोई अनजान रहता हैं.

हमें ये ख़याल आया जो हम आप को बताते है – अगर हिन्दू मर्द चार शादियाँ कर सकता तो क्या होता?

1.   रूमानियत से ज्यादा ठरक-

जब किसी व्यक्ति का एक औरत से मन नही भरता, तब वह बाहर की ओर तांक-झाँक शुरू करता हैं. शुरू में संभव है कि उसे यह सब प्यार जैसे लगे लेकिन असल में यह सिर्फ शारीरिक खिचांव होता हैं, जो संबंध बनते ही ख़त्म भी हो जाता हैं.

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