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दिल्ली में मानव तस्करी के बड़े गिरोह का खुलासा, बचाई गई 39 नेपाली लड़कियां

मानव तस्करी

मानव तस्करी या ह्ययूम ट्रैफिकिंग हमारे देश में एक गंभीर समस्या बन चुकी है.

हर साल सैकड़ों लड़कियां गायब हो रही है और आशंका है कि इन गायब लड़िकयों को तस्करी के ज़रिए दूसरे देशों में भेजकर देह व्यापार कराया जाता है. पिछले एक हफ्ते में दिल्ली से दर्जनों लड़कियों को देह व्यापार के दलदल में फंसने से बचाया गया.

बुधवार की सुबह भी दिल्ली के पहाड़गज के एक होटल से 39 नेपाली लड़कियों को छुड़ाया गया, जिन्हें दूसरे देश में देह व्यापार के लिए भेजने की तैयारी चल रही थी.

दिल्ली में मानव तस्करी का बड़ा गिरोह एक्टिव है और इसका सबूत है पिछले एक हफ्ते में वहां से छुड़ाई गई 73 लड़कियां, जिनमें से ज़्यादातर नेपाली हैं. दरअसल, दिल्ली महिला आयोग की मदद की बदौलत ही पुलिस  मानव तस्करी के बड़े गिरोह का भंडाफोड़ने में कामयाब रही. पुलिस और महिला आयोग की टीम ने पहाड़गंज के एक होटल से आज सुबह कम से कम 39 नेपाली लड़कियों को छुड़ाया. ये सभी लड़कियां नेपाल से लाई गईं हैं. बता दें कि 25 जुलाई को भी दिल्ली महिला आयोग ने 16 लड़कियों को बचाया था.

पहाड़गज के होटल में पुलिस ने रातभर छापेमारी की और लड़कियों को छुड़ाया.

पहाड़गंज के हृदय इन होटल में बस नेपाल से लाई गईं लड़कियों को ही रखा गया था और इन्हें खाड़ी देशों में भेजने की तैयारी थी. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले महिला आयोग ने दिल्ली के मुनीरका इलाके से कई नेपाली लड़कियों को देह व्यापार के चंगुल में फंसने से बचाया था.  एक हफ्ते में महिला आयोग ने 73 लड़कियों को मानव तस्करों से बचाया है.

मंगलवार शाम बनारस पुलिस ने दिल्ली महिला आयोग की मदद से मैदानगढ़ी के घर में छापा मारकर 18 लड़कियों को छुड़ाया था. जिस घर से इन्हें छुड़ाया गया, वहां से 68 पासपोर्ट मिले हैं, जिनमें 61 नेपाली और 7 भारतीय के हैं. लड़कियों को शेल्टर होम भेज दिया गया है.

दरअसल, तस्करों के चंगुल से छुड़ाई गई नेपाली लड़कियां नेपाल भूकंप प्रभावित इलाकों से हैं और इनमें से ज़्यादातर अकेली हैं. इन लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर लाया गया था. इन्हीं लड़कियों में से एक भागने में सफल रही और उसने बनारस पहुंचकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. इसकी जानकारी पुलिस ने महिला आयोग को दी जिसके आधार पर कार्रवाई करते हुए नेपाली लड़कियों को बचाया गया.

मानव तस्करी की समस्या बहुत गंभीर है और हर साल हमारे देश से सैंकड़ों बच्चे व लड़कियां गायब हो जाते हैं जिनकी कोई खबर नहीं मिलती. कई एनजीओ इस दिशा में काम तो कर रहे हैं, मगर इस समस्या को रोकने के लिए और सख्त कानून और निगरानी की ज़रूरत है. अक्सर दलाल गरीब परिवार के बच्चों को थोड़े से पैसों और नौकरी के नाम पर बहका कर ले जाते हैं.