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रास, रंग, और माया से भरी इस दुनिया में ब्रम्हचारी कैसे रहे?

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अगर आपका ऐसी दुनिया में रहना हो जहां चाहे ऑफिस हो या फिर कॉलेज में  सेक्स से जुड़ी चर्चा रोज होती हो और आपको उसी माहौल में रहते हुए ब्रम्हचारी रहना हो साथ  ही अगर आप किसी पर्सनल या प्रोफेशनल वजह से या किसी अवधी  के लिए या फिर जीवन-भर के लिए ब्रम्हचारी रहने का फैसला ले चुके है तो हम आपको बताएंगे कि आप अपने फैसले पर कैसे अडिग रह सकते हैं

1. सबसे पहले इस बात पर मंथन करे कि ऐसा आप किसी के प्रभाव में आकर तो नहीं कर रहे है या फिर वाकई में इस निर्णय को लेकर गंभीर है.

2. सबसे पहले कोई गुरु बनाए और उनसे सीखें कि इस व्रत का पालन कैसे किया जा सकता हैं. क्योंकि अकेले ये काम करना बेहद मुश्किल है

3.  जिन लोगो को इस बारे में लंबा अनुभव है उनसे ये जानने कि कोशिश करें कि ब्रम्हचारी रहने का फैसला लेकर वो लोग खुश है या फिर पछता रहे हैं. उनसे ये भी पूछ सकते है कि उन्होंने ये मुश्किल काम कैसे किया ताकि आपको भी इस काम में मदद मिल सकें.

4.  लोगों की सुनने के बजाए अपने फ़ैसले पर अडिग रहने की कोशिश करें क्योंकि लोग का काम सिर्फ कहना ही होता है , कहीं ऐसा ना हो कि आप उनकी बाते सुनकर कुछ ऐसा कर बैठे कि बाद में लआपको पछताना पड़े. जैसे कॉलेज या सोसायटी में कूल दिखने के चक्कर में कुछ ऐसा कर बैठते है जो वो नहीं करना चाहते हैं जैसे कि लोगो कि देखा देखी फिज़ीकल रिलेशन बनाना, कई बार युवक या युवती को इमोशनल ब्लैकमेल या सामाजिक दबाव में ऐसी जगह शादी करनी पड़ सकती हैं जहां वो शादी नहीं करना चाहते थे.
अगर ब्रम्हचार्य का पालन किया जाएं तो ऐसी मुसीबत से बचा जा सकता हैं.

5.  आकर्षण स्वाभाविक नियम है अगर कोई व्यक्ति आपकी तरफ आकर्षित हो या आप किसी की तरफ एट्रेक्ट हो तो ऐसे इंसान से दूर भागने की कोशिश ना करें. उससे अकेले या फिर एकांत स्थान में मिलने से बचे. जो बातें आपके संकल्प के खिलाफ हो उसे करने से बचें.

6.  ऐसा साहित्य, सिनेमा, टीवी, या इंटरनेट पर ऐसा कुछ भी देखने से बचे जो कि आपकी सेक्सुअल डिजायर्स को बढ़ाएं क्योंकि आपने गांधी जी के तीन बंदर वाला नियम तो सुना ही होगा ना देख बुरा ना बोल बुरा ना सुन बुरा को हम बदलकर ऐसे ले सकते हैं ना देख ऐसा जो चाह ना, ना बोल ऐसा जो चाह ना, ना सुन ऐसा जो चाह ना, क्योंकि अगर कोई महात्मा भी अश्लील चीज़ो को लगातार देखेगे का तो उसका मन भी बहक सकता है ऐसे में हम तो आम इंसान हैं.

7.  ऐसे लोगो की चर्चा का हिस्सा बनने से बचे जो कि लगातार कामुक बातें करते हों. जरुरी नहीं है कि हम विरोध करे चुप रहकर भी हम अपना काम कर सकते हैं. आखिर ये किसी का निजी जीवन है.

8.  अगर आप कुछ वक्त तक ब्रम्हचारी रहना चाहते हो तो जरुरी नहीं है कि आप अपना रिलेशनशिप तोड़ ले आप अपने पार्टनर की सहमति से आप कुछ समय तक ब्रम्हचारी रह
सकते हैं

9.  आजीवन ब्रम्हचर्य का पालन करने का व्रत लेने के बजाए 6 महीने का संकल्प लेना बेहतर होगा. देखे अगर आप कम्फर्टेबल है तो आगे अवधि बढ़ा सकते है
हैं.

ब्रम्हचर्य से निरस नहीं जबकि मजबूत बनाता है कोई व्यक्ति:-

1.  इसका पालन करने से व्यक्ति मानसिक रुप से मजबूत बनता है और एकाग्रता भी बढ़ती हैं.

2.  ब्रम्हचर्य के पालन करने से रिलेशनशिप कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होती है एक दूसरे के प्रति सम्मान भी बढ़ता है अतीत गवाह  है कि इस तरह के रिश्ते जब शादी में तब्दील होते है तो लंबे टिकते हैं.

3.  कभी-कभी ब्रम्हचर्य व्रत का पालन ना करने से शादी से पहले ही रिश्ते में निरसता आ जाती है और लोग एक दूसरे से बोर हो जाते हैं.

4.  दूसरी हॉबीज़ के लिए एक्सट्रा टाईम निकल जाता हैं. आप अपना ध्यान जिदंगी की दूसरी चीज़ो में लगा सकते हैं.

ब्रम्हचर्य पंरपरा का पालन वैसे तो ऋषि-मुनि काफी पहले से करते आए है.

अगर इसका पालन आज के जमाने में भी किया जाए तो बुराई नहीं  है. इससे समाज में होने वाले सेक्सुअल अपराधों में कमी आएगी. साथ ही सेक्स जिनके लिए शराब या ड्रग्स की तरह एडिक्शन बन चुका है अगर इससे छुटकारा पाना हो तो ब्रम्हचर्य व्रत से बेहतर समाधान क्या हो सकता हैं भला. ये भारतीय पंरपरा काफी कारगर मानी गई है. वेस्टर्न सभ्यता में सेक्स को ही सब कुछ माना गया है वहां भारत से ज्यादा लोग डिप्रेशन का शिकार बन गए हैं क्योंकि वो अपने समाजिक जीवन को भूलते जा रहे है. सेक्स को ही सब कुछ मानने लगे है. उसी को प्यार समझने की भूल कर रहे है. इस वजह से शादियां भी टूटती जा रही हैं क्योंकि उनकीं नींव आपसी समझ के बजाए सेक्स होती हैं.