ENG | HINDI

जानिए नरेन्द्र मोदी किस तरह से लिखते हैं अपनी स्पीच

नरेंद्र मोदी के भाषण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण देने के स्टाइल से लेकर उनकी कही गई बातें अक्सर चर्चा में रहती है.

जनता से लेकर पूरे विपक्ष को यह जानने की उत्सुकता रहती है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में क्या कहा है.

लेकिन क्या आपको मालूम है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की हर ओर चर्चा होती है वे तैयार कैसे होते हैं. उनके पीछे कितनी मेहनत की जाती है.

आप को जानकर हैरानी होगी कि प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी भाषणों में धार देने के लिए बाकयदा एक टीम काम करती है. इस टीम में हर क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं, जो चुनाव में घट रही पल पल की घटना पर नजर रखते हैं.

प्रधानमंत्री कल किस शहर में सभा करने जा रहे हैं उसके लिए टीम पहले से सब तैयारी कर लेती है. जैसे सभा में किन किन क्षेत्रों से लोग आएंगे. उनकी और उनके क्षेत्र की क्या क्या समस्याएं है. इन सबको मिलाकर एक खाका खींचा जाता है. फिर सभी विशेषज्ञ बैंठकर उस पर रणनीति बनाते हैं.

इसमें तय होता है कि प्रधानमंत्री मोदी को इन पर क्या स्टैंड लेना है. कहां प्रधानमंत्री मोदी को क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है यह सब भाषण तैयार करते समय डाला जाता है.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को प्वाइंट वाइज तैयार किया जाता है. ताकि उसको समझने में कोई परेशानी नहीं हो.

इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण तैयार करने वाली टीम इतनी सतर्क होती है कि वह विरोधी दलों के भाषणों पर भी नजर रखती है. किस दल के नेता ने भाजपा या प्रधानमंत्री को लेकर आज क्या टिप्पणी की है.

जैसे ही कोई टिप्पणी आती है तो तुरंत ही वह टिप्पणी और उसका संभावित जवाब तैयार करके प्रधानमंत्री मोदी के पास पहुंच जाता है. यह टीम यहां तक भी नजर रखती है कि जिस शहर में प्रधानमंत्री मोदी सभा करने वाले हैं वहां पर यदि किसी विरोधी दल ने उनसे पहले कोई सभा की है तो उसमें क्या क्या बातें कही हैं.

जब प्रधानमंत्री अपनी चुनावी टीम में साथ सुबह बैठक करते हैं तो सबसे पहले उनके सामने शहर वाइज भाषणों की लिस्ट तैयार करके प्रस्तुत की जाती है. वहां उस पर चर्चा होती है. एक बार सब फाइनल हो जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी उस पर नजर डालते हैं.

और हां जब प्रधानमंत्री का हेलिकाॅप्टर चुनावी सभा के लिए उड़ता है तो उस दौरान भी उनकी टीम विरोधी दल के चुनावी भाषणों पर नजर रखती है. अगर इस बीच किसी दल के बड़े नेता ने कोई ऐसी बात कह दी है जिसका कि जवाब देना बहुत जरूरी है तो उससे तुरंत ही प्रधानमंत्री को अवगत करा दिया जाता है.

हालांकि ऐसा बहुत कम होता है कि प्रधानमंत्री विरोधी दलों की बातों का जवाब देते हैं.

देखा गया है कि वे अपने भाषणों के जरिए जो ट्रेंड सेट करते हैं समूचा विपक्ष उसी के इर्द गिर्द फंस कर प्रधानमंत्री द्वारा कही गई बातों पर सफाई देता है.

बहराल, प्रधानमंत्री मोदी जैसे ही अपना भाषण खत्म करते हैं उसकी महत्वपूर्ण बातें सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगती है. इन सब के पीछे भी प्रधानमंत्री मोदी की टीम का ही दिमाग होता है. कैसे प्रधानमंत्री की बातों को उन लोगों तक पहुंचाया जाए जो सभा में नहीं आ सके हैं.