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भारत की सबसे पहली महिला आईएएस ऑफिसर के बारे में आप कितना जानते हैं !

देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेेदी के बारे में भला कौन नहीं जानता. बेशक किरण बेदी देश की तमाम महिलाओं के लिए किसी मिसाल से कम नहीं हैं. एक तरफ जहां अधिकांश लोग देश की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी के बारे में जानते हैं तो वही दूसरी तरफ देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं.

दरअसल ये उस वक्त की बात है जब देश में ज्यादातर महिलाएं शादी करके अपना घर बसाने को ही अपने जीवन का उद्देश्य समझती थीं. ऐसे वक्त में अन्ना राजम मल्होत्रा नाम की एक महिला भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी बनने की राह पर आगे बढ़ रही थीं इतना ही नहीं वो सचिवालय में पद प्राप्त करनेवाली भी पहली महिला थीं.

इसलिए आज हम आपको देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी अन्ना राजम मल्होत्रा की ईमानदारी और दृढ़ संकल्प की प्रेरणादायक कहानी से रूबरू कराते हैं.

देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी

भारत की आजादी के तीन साल के भीतर ही सन 1950 में अन्ना राजम मल्होत्रा ने सिविल सर्विसेस की परीक्षा पास की थी. हालांकि अन्ना एक महिला थीं इसलिए उनकी काबिलियत पर हमेशा शक किया गया. उनकी बहुमुखी प्रतिभा को जानने के बावजूद पैनल ने उन्हें फॉरेन सर्विसेस या फिर सेंट्रल सर्विसेस ज्वॉइन करने की सलाह दे डाली. लेकिन उन्होंने हमेशा अपने दिल की सुनी और एक दिन इतिहास रच दिया.

आखिरकार उनकी नियुक्ति के वक्त प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री सी राजगोपालाचारी ने उन्हें डिस्ट्रिक्ट सब कलेक्टर बनाने के बजाय सचिवालय में नियुक्त कर दिया और अन्ना सचिवालय में पद प्राप्त करनेवाली देश की पहली महिला बन गईं.

अन्ना ने अपने कार्यकाल में किए कई काम

आपको बता दें कि अन्ना पढ़ाई के अलावा रायफल, पिस्टल शूटिंग, घुड़सवारी में भी माहिर थीं. वो किसी भी मामले में पुरुष सहकर्मियों से कम नहीं थीं. हालांकि उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान लैंगिक भेदभाव का भी सामना करना पड़ा.

अन्ना के नेतृत्व में देश का पहला कम्प्यूटराइज्ड कंटेनर पोर्ट बनावाया गया था. मुंबई में बने इस पोर्ट को जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह का नाम दिया गया.

साल 1982 में अन्ना ने पंडित नेहरू को एशियाड सम्मेलन में असिस्ट भी किया था. वो इंदिरा गांधी के साथ फूड प्रोडक्शन पैटर्न को समझने के लिए आठ राज्यों की यात्रा पर भी गई थीं.

बताया जाता है कि एक बार जब एक गांव में हाथियों का आतंक फैल गया था तब अन्ना पर दबाव डाला गया कि वो हाथियों को मारने का आदेश जारी करें. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और अपनी सूझबूझ व जीव व्यवहार के ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए उन हाथियों को वापस जंगल में भेज दिया, उस वक्त अन्ना के इस कारनामें को देख हर कोई हैरान था.

केरल के एक गांव में हुआ था जन्म

अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म 17 जुलाई 1927 को केरल के एक गांव में हुआ था. उन्होंने कालीकट के प्रोविडेंस महिला कॉलेज और मालाबार ईसाई कॉलेज से पढ़ाई पूरी की. इसके बाद अन्ना ने मद्रास विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की.

अन्ना को उनके कार्यकाल के दौरान एक एग्रीमेंट दिया गया था जिसमें लिखा था कि वो अपनी सर्विस के दौरान शादी नहीं कर सकती. अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें सर्विस से टर्मिनेट कर दिया जाएगा. हालांकि कुछ सालों के बाद इस नियम को हटा दिया गया.

बहरहाल, इसमें कोई शक नहीं है कि देश की पहली महिला आईएएस अधिकारी बनकर अन्ना ने देश की महिलाओं के लिए एक मिसाल पेश की इसके साथ ही उन्होंने अपने करियर के दौरान यह भी साबित किया कि लैंगिक भेदभाव के लिए समाज में कोई स्थान नहीं है.