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आप शर्मीले हैं तो क्या हुआ? इन 7 बातों के ज़रिये सफ़लता की सीढ़ियाँ चढ़िए!

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इंट्रोवर्ट या अंतर्मुखी या साफ़ शब्दों में शर्मीले लोगों के लिए रोज़मर्रा की ज़िन्दगी जीना ही बहुत मुश्किल हो जाता है, जीवन में सफ़लता की ऊंचाइयों को छू पाना तो मानो हिमालय चढ़ने के सामान है!

पर ऐसा नहीं है कि शर्मीले लोग कुछ हासिल नहीं कर सकते या उन्हें सिर्फ पीछे रह सिर्फ सबकी बातें ही सुननी हैं और सर झुका के उन पर अमल करना है| बल्कि इंट्रोवर्ट किस्म के लोग भी वो सब हासिल कर सकते हैं जो एक्सट्रोवर्ट लोग करते हैं| ज़रुरत है ख़ुद को समझ पाने की और सोच समझ के अपनी ज़िन्दगी जीने की|

यह एक कोशिश है 7 आसान तरीकों से आपके जीवन को बेहतर और कामयाब बनाने की:

1)  अपने आप से मत लड़िये

सबसे पहला क़दम एक सुखद और खुशहाल ज़िन्दगी के लिए ज़रूरी है कि मान लीजिये कि आप एक अंतर्मुखी या शर्मीले किस्म के व्यक्ति हैं| इसमें बिलकुल कोई बुराई नहीं है, आप किसी से कम नहीं हैं और यह आपकी कमज़ोरी नहीं बल्कि ताक़त है! हाँ इस ताक़त को इस्तेमाल कैसे करना है, यह आप पर निर्भर करता है|

2)  अपने गुणों पर ध्यान दीजिये

हर इंसान में गुण-अवगुण होते हैं, कमज़ोरियाँ होती हैं, अच्छाईयाँ-बुराईयाँ होती हैं| आपको ज़रुरत है अपने गुणों पर ध्यान देने की| अंतर्मुखी लोग भले ही फ़टाफ़ट जवाब ना दे सकें लेकिन सोच समझकर जब वो किसी मुश्किल का हल ढूँढ़ते हैं तो सबके काम आता है| अकेलेपन में जब आप अपना अंतर्मन टटोलते हैं तो सुलझे हुए विचारों से सिर्फ अपना नहीं, अपने आस-पास वालों का जीवन भी आसान बना देते हैं| बस, इसे ही अपनी ताक़त बना, आगे चलते जाइए!

3)  सही काम ढूँढिये

करियर में सफ़लता चाहिए तो वो काम ढूँढिये जो आपके दिल को भाता है जिसके लिए आप कुछ भी कर जाने को तैयार हैं| ऐसा काम मिल गया तो आप को फ़र्क नहीं पड़ेगा कि बाकी लोग क्या सोचते हैं, आप बस अपना सब कुछ उस काम पर न्योछावर कर देंगे और फिर जीत आपकी ही होगी! दूसरों कि देखा-देखि कभी कोई काम मत कीजिये!

4)  अकेले मत लड़िये

माना कि आप जल्दी सब से घुल मिल नहीं पाते, बहुत सारे दोस्तों की आपको ज़रुरत नहीं है लेकिन इस बात का भी ध्यान रखिये कि आप सभी काम ख़ुद नहीं कर सकते और दुनिया केवल एक आदमी से नहीं चलती| अपनी खुशियां और ग़म सब बाँटिये और वैसा ही रुख़ काम में भी रखिये ताकि काम में आप अकेले ना पड़ जाएँ! जीवन में आगे बढ़ने के लिए लोगों की ज़रुरत होती है और चूंकि इंट्रोवर्ट लोग भावनाओं को ज़्यादा अच्छे तरीके से समझ सकते हैं, उनके लिए गहरी दोस्ती बनाना मुश्किल नहीं है!

5)  एक्सट्रोवर्ट लोगों से मत घबराईये

कभी-कभी लगता होगा कि कुछ लोग अपने हाव-भाव और लगातार बोलने के हुनर से आप पर दबाव डाल रहे हैं पर इस से घबराईये मत! एक्सट्रोवर्ट लोगों को जोश के साथ मिलने और अपनी मौजूदगी का एहसास करवाने की आदत होती है लेकिन इसका यह मतलब नहीं की वही तरीका सही है| हर आवाज़ संगीत हो, ऐसा तो नहीं है| वो शोर भी हो सकती है| अपनी शान्ति को अपनी ढाल बनाइये, हथियार बनाइये!

6)  आरामदायक स्थिति से बाहर

कभी-कभी अपनी फ़ितरत से कुछ अलग भी कर के देखिये! दिखावे के लिए नहीं पर जहाँ लगे कि सिर्फ चीखने-चिल्लाने से ही आपकी आवाज़ सुनी जायेगी, वहाँ वो तरीका अपना लीजिये! बात इतनी है कि अपने सपनों को पूरा करने के लिए अगर आपको कहीं-कहीं कभी-कभी एक्सट्रोवर्ट बनने का ढोंग करना पड़े तो कर लीजिये!

7)  वास्तविकता से हाथ मिलाइये

जो सच है वो सच है! आप अगर इंट्रोवर्ट हैं तो इंट्रोवर्ट हैं! ज़बरदस्ती अपनी गर्लफ्रेंड, दोस्तों, परिवार, काम के सह-कर्मचारियों को दिखाने के लिए एक्सट्रोवर्ट बनने की कोशिश मत कीजिये| दिखावा ज़्यादा दिन चलता नहीं और आप किसी उपयोगी काम में समय और मेहनत करने की बजाये बेकार में अपनी शक्ति गँवाएँगे!

आशा है इन बातों से आपको कुछ मदद मिली होगी| इन पर अमल कीजिये और देखिये ज़िन्दगी आपको नए बेहतरीन रंग दिखाएगी!