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ऐतिहासिक फ़िल्म का ट्रेंड अभी है चलन में

भारतीय सिनेमा की शुरुआत हुई थी उस समय पौराणिक फ़िल्मों का चलन जोरो पर था.

साथ ही साथ ऐतिहासिक पात्रों को बड़े परदे पर देखना दर्शकों के लिए काफी रोमांचक अनुभव था.

बात इतिहास की हो तो प्राचीन भारत, मध्यकालीन भारत, और ब्रिटिशकालीन भारतीय इतिहास जो कि स्कूल के जमाने से किताबों के जरिए पढ़ा जाता रहा है. भले  ही आज बोल्ड और साईन्स फिक्शन फ़िल्मों का ट्रेंड चल रहा है उसके बावजूद लोग ऐतिहासिक पात्रों को को रुपहले परदे पर देखना पसंद करते है. हाथी ,घोड़ा, पालकी, तलवार तो कभी तोप और भव्य और पुराने दौर को साकार करते हुए सेट और कॉस्टयूम से सजी फ़िल्म बनाना अपने आप में एक चुनौती है.

इस तरह की फिल्मों का बजट भी काफी ज्यादा होता है. साथ ही फिल्म कलाकारों को हिस्टोरिकल पात्रों में खुद को ढालने में काफी मेहनत करनी पड़ती है.

चुनौतियां कई है फिर बॉलीवुड में ऐतिहासिक फ़िल्म बनाने का चलन सदाबहार है.

आईए नजर डालते कि किन ऐतिहासिक फ़िल्मों के जरिए बड़े परदे पर सजीव किया गया भारत का इतिहास.

1.  राजा हरिशचन्द्र-

राजा हरिशचंद्र भारतीय सिनेमा की पहली ऐतिहासिक फ़िल्म थी. ये एक मूक और श्याम और श्वेत फ़िल्म थी. इसे भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले दादा साहेब फाल्के ने डायरेक्ट किया था. ये फ़िल्म पौराणिक पात्र राजा हरिशचंद्र के जीवन पर आधारित थी जो कि अपने सत्य वचन के लिए जाने जाते थे. दादा साहब फाल्के ने खुद इस फ़िल्म में हरिशचंद्र का रोल अदा किया था. ये ऐतिहासिक फ़िल्म भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई.

2.  मुगले आजम-

इस फ़िल्म ने हर मामले में इतिहास रचा, एक तो बड़े बजट के मामले में फिर कमाई के मामले में, साथ वक्त के मामले में भी. ये फिल्म पूरे 9 सालों में बनकर तैयार हुई. ये फ़िल्म 16 वीं सदी के मुगलकालीन बैकड्राप पर बनीं थी. इस फ़िल्म की कहानी शहजादे सलीम और अनारकली की प्रेमकहानी और एक बादशाह की जिद के ईर्द गिर्द बुनी गई थी. इस फ़िल्म के गीत भी काफी हिट हुए थे. इस फ़िल्म की लोकप्रियता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ हद तक रंगीन इस फ़िल्म को पूरी तरह कलर बनाकर सालों बाद फिर से रिलीज किया गया था जिसे अच्छा रिसपॉन्स मिला था. इसे मधुबाला और दिलीप कुमार की सबसे बड़ी हिट फ़िल्म माना जाता है.

3.  अशोका-

इस फ़िल्म में शाहरुख खान ने मौर्यकालीन राजा अशोक का किरदार निभाया था. इसमें उनके चांडाल अशोक से शांतिदूत अशोक बनने की कहानी को बताया गया था. कुल मिलाकर साम्राज्य विस्तार के लिए हिंसा के रास्ते पर निकले अशोक के बौद्ध धर्म ग्रहण करने के सफर को पेश किया गया है. इस फ़िल्म में करीना कपूर ने राजकुमारी कौरवाकी का रोल किया था. इस फ़िल्म के सेट्स से लेकर कास्ट्यूम को भारतीय से ज्यादा ग्रीक लुक दिया गया था. ये फ़िल्म दर्शकों के दिल को छूने में नाकामयाब रही.

4.  जोधा अकबर-

आशुतोष गोवारीकर की इस फ़िल्म में ऐश्वर्या ने एक राजपूत रानी जोधाबाई और मुगल बादशाह अकबर का रोल अदा किया था. इस फ़िल्म में बताया गया था किस तरह से जोधाबाई के अपनी बेमन से अकबर से शादी करती है और उसके बाद उन दोनों के बीच पनपे प्रेम को इस फ़िल्म में दिखाया गया है.

5.  लगान-

लगान भारत के एक ऐसे भुवन नाम के ऐसे किसान की कहानी है जो सूखे की मार झेल रहे अपने कस्बे को लगान की मार से बचाने के लिए क्रिकेट सीखता है, जो कि एक विदेशी खेल है. इसके बावजूद वो अपनी साथियों के साथ ये खेल जीत जाता है. ये कहानी ब्रिटिशकालिन भारत के बैकड्राप पर बनीं थी. ये फ़िल्म ऑस्कर के लिए भारत की तरफ से नॉमिनेट हुई थी.

6.  गांधी-

ये फ़िल्म रिचर्ड एडिनबरों ने डायरेक्ट की थी. सबसे खास बात ये थी कि इस फ़िल्म में बेन किंग्सले जो कि भारतीय नहीं  थे, ने महात्मा गांधी का रोल प्ले किया था. इस फ़िल्म में एक वकील, अंहिसा के पूजारी, असहयोग आंदोलनकारी महात्मा की हत्या तक का सजीव वर्णन किया गया था. इस फ़िल्म को ऑस्कर की 11 कैटेगरी के लिए नॉमिनेट किया गया था. रिचर्ड एडिनबरों को बेस्ट डायरेक्टर तो वहीं बेन किंग्सले को बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला था.

7.   वीर- इस फ़िल्म में सलमान खान ने एक पिंडारी योद्धा का रोल किया था ये 1857 की क्रांति के बैकड्राप पर बनी फ़िल्म थी. हालांकी ये फ़िल्म दर्शकों की कसौटी पर खरी नहीं उतरी.

8.  मंगल पांडे द राईजनिंग हीरो-

मंगल पांडे 1857 की क्रांति के पहले शहीद थे. इन्ही के जीवन पर केतन मेहता ने फ़िल्म बनाई इस फ़िल्म के लिए आमिर ने अपनी मूंछो से लेकर बाल भी बढ़ाएं थे. य़े फ़िल्म उनके करियर की बड़ी असफलता बन गई.

9.  द लीजेंड ऑफ भगत सिंह-

मनोज कुमार की सक्सेफूल फ़िल्म शहीद के बाद अजय देवगन द लीजेंड ऑफ भगत सिंह के किरदार को रुपहले परदे पर जिया. इस फ़िल्म में ना सिर्फ क्रांतिकारी भगत सिंह के ब्रिटिश इंडिया के लिए विचारधारा को दिखाया गया जबकि उनकी दूरदर्शी यानि भारत के भविष्य के बारें कही गई बातों को भी दिखाया गया. ये फिल्म आलोचको की कसौटी पर खरी उतरी लेकिन कमाई के मामले में पिछड़ गई. अजय देवगन को इस फ़िल्म के लिए नेशनल अवार्ड भी मिला था.

10.  नेताजी सुभाषचंद्र बोस द फॉरगोटन हीरो-

इस फ़िल्म में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का किरदार सचिन खेड़कर ने किया था.सुभाष बोस ने किस तरह आजाद हिन्द फौज का निर्माण किया ये इस फ़िल्म में दिखाया गया था.

हमने बात की उन फ़िल्मों की जिन्होने ऐतिहासिक मह्तव रखने वाले रियल हीरोज की गौरवगाथा को बड़े ही सजीव ढंग से पेश किंया है. बदलते वक्त के साथ भी ऐतिहासिक फ़िल्म की तरफ लोगों का रुझान कम नहीं हुआ है.

जहां रणवीर सिंह-दीपिका-प्रियंका चोपड़ा जैसे कलाकार बाजीराव मस्तानी जैसी  ऐतिहासिक फ़िल्म में नजर आ रहे है. तो वहीं ऋतिक मोहन जोदड़ो सभ्यता पर बनीं फ़िल्म में दिखाई देंगे.

Shilpa Rounghe

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Shilpa Rounghe

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