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एक हनीमून की वजह से अमेरिका ने गिराए थे नागासाकी पर बम

हिरोशिमा और नागासाकी

जापान के शहर हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमले की भयानक यादें आज भी लोगों के चहेरे पर खौफ ला देती है.

अमेरिका ने अगस्त 1945 में हिरोशिमा पर बम गिराए और उसके 3 दिन बात ही नागासाकी शहर को भी बम से दहला दिया, मगर नागासाकी पर बम गिराए जाने का किस्सा बड़ा दिलचस्प है. कहा जाता है कि एक अमेरिकी मंत्री के हनिमून की वजह से नागासाकी पर बम गिराए गए थे. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला.

अमेरिकी वायुसेना एक बमवर्षक विमान से परमाणु बमों को जापान ले गया था.

जिस विमान से बम ले जाया गया उसका नाम एनोला गे था, लेकिन लोगों को ये नहीं पता कि  बम के अलावा इस विमान में सायनाइड की 12 गोलियां भी थीं. अब आप सोच रहे होंगे कि ये गोलियां क्यों रखवाई गई थी. दरअसल, अमेरिका ने पूरी प्लानिंग के साथ बम गिराए. उसने अपने पायलटों को कहा था कि यदि वो पकड़े जाते हैं तो ये सायनाइड की गोलियां खा लें.

परमाणु बम को असेंबल करना आसान नहीं होता. कुछ भी गलत होने की स्थिति में यह अमेरिका में भी फट सकता था, इसलिए दुश्‍मन के क्षेत्र में पहुंच जाने पर बम को जहाज में असेंबल किया गया. आपको एक और दिलचस्प बात बता दें कि अमेरिका ने जापान के जिन शहरों पर हमला करने की योजना बनाई थी उसमें नागासाकी का नाम शामिल नहीं था. इस लिस्‍ट में कोकुरा, हिरोशिमा, योकोहामा, निगाटा और क्‍योटो था.

बाद में 25 जुलाई को क्‍योटो की जगह नागासाकी पर हमला करने की योजना बनाई गई.

और योजना में इस बदलाव की वजह बना अमेरिकी मंत्री का हनीमून. अमेरिका के युद्ध मंत्री हेनरी एल स्टिमसन ने आखिरी वक्‍त में क्‍योटो की जगह नागासाकी को शामिल किया. दरअसल उन्‍होंने क्‍योटो में अपना हनीमून मनाया था, इस वजह से उन्‍हें क्‍योटो से लगाव था. वो नहीं चाहते थे कि जिस जगह पर उन्होंने अपनी पत्नी के साथ हसीन पल बिताए हैं वहां बम गिरे इसी वजह से उन्‍होंने क्‍योटो को टारगेट शहरों की सूची में से हटवा दिया था और उसकी जगह नागासाकी पर बम गिराय गया.

हिरोशिमा और नागासाकी – अमेरिका की इस बर्बरता की उस वक्त सभी देशों ने आलोचना की, मगर कोई अमेरिका का कुछ बिगाड़ नहीं पाए, क्योंकि अमेरिका की ताकत और रसूख के आगे कभी किसी की नहीं चली है. आज भी नहीं चलती है.