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इस बड़ी कंपनी के निशाने पर क्यों है बाबा रामदेव

टेलीकॉम कंपनियों के बाद एफएमसीजी कंपनियों के बीच जंग शुरू होने जा रही हैं.

इस बार निशाने पर हैं योग गुरू बाबा रामेदव.

यूं तो योग गुरू बाबा रामेदव काफी पहले से ही मल्टीनेशनल कंपनियों की आंखों में खटकते रहे हैं. लेकिन जब से बाबा रामदेव ने कहा है कि वे बहुत जल्द मल्टीनेशलन कंपनियों को शीर्षासन करवाने वाले हैं तब से वे उनके निशाने पर आ गए हैं.

इस बार मल्टिनेशनल कंपनी हिंदुस्तान यूनीलीवर ने सीधे योग गुरू बाबा रामेदव की पंतजलि को टक्कर देने की पूरी तैयारी कर ली है. बहुत जल्द आपको हिंदुस्तान यूनिलीवर और रामदेव बाबा की पतंजलि के बीच जंग देखने को मिल सकती है.

ठीक वैसी ही जंग जैसी आपको 80 के दशक में व्हील और निरमा के बीच देखने को मिली थी.

आपको बता दें कि देश की सबसे बड़ी कंज्यूमर गुड्स कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर एक साथ कई आयुर्वेदिक पर्सनल केयर प्रॉडक्ट्स लॉन्च करने जा रही है. यह सब बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि के उत्पादों को टक्कर देने के लिए हैं.

गौरतलब  है कि बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी जिस प्रकार आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट्स के अलावा अन्य कंज्यूमर गुड्स जैसे सर्फ, साबुन, पेस्ट से लेकर क्रीम आदि के बाजार में उतार रही है उससे इन कंपनियों की नींद उड़ी हुई हैं.

जब तक योग गुरू बाबा रामेदव आयुर्वेदिक प्रॉडक्ट्स बेच रहे थे तो इन कंपनियों को पतंजलि से कोई खास खतरा नहीं था. लेकिन जैसे ही बाबा रामदेव ने अन्य प्रॉडक्ट्स को बाजार में लांच किया. इन कंपनियों में हड़कम्प मच गया.

खासकर हिंदुस्तान यूनीलीवर बाबा रामदेवकी पतंजलि से सबसे ज्यादा घबराई हुई हैं, क्योंकि कंज्यूमर गुड्स मार्केट पर सबसे अधिक कब्जा हिंदुस्तान यूनीलीवर का ही है.

लोग जिस प्रकार पतंजलि के प्रॉडक्ट्स को अपना रहे हैं उसको देखते हुए इन कंपनियों को लग रहा है कि दंतमंजन की तरह उनके अन्य प्रॉडक्ट्स की भी कहीं बाबा रामदेव बाजार से छुट्टी न कर दें.

पतंजलि मात्र 10 साल से कम समय में 5 हजार करोड़ की कंपनी बन गई है. हालांकि यह 30 हजार करोड़ के सालाना वाली हिंदुस्तान यूनीलीवर के मुकाबले काफी छोटी है, लेकिन पंतजलि जिस तेजी से बाजार में अपने प्रॉडक्ट्स के जरिए पकड़ बना रही है उसको देखते हुए मल्टीनेशनल कंपनियों को चिंता होना स्वाभाविक है.

यही वजह है कि योग गुरू बाबा रामेदव की चुनौती से घबराई हिंदुस्तान यूनीलीवर ने पतंजलि को टक्कर देने का मन बना लिया है. जबकि बाबा रामदेव भी मुकाबले के लिए अपनी लंगोट कस ली है.

पतंजलि ने मल्टीनेशन कंपनियों से निपटने के लिए अग्रेसिव एक्सपैंशन की योजना बनाई है. इसके तहत ही बाबा रामदेव ने नेपाल और भारत के असम राज्य में अपने कारखाने स्थापित कर रहे हैं.

Vivek Tyagi

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