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चाय को दोबारा गरम करके पीने का मतलब है – आप ज़हर पी रहे हैं

चाय को दोबारा गरम करके पीना

चाय को दोबारा गरम करके पीना – सुबह-सुबह बेड टी की आदत आमतौर पर हर किसी को रहती है.

आंख खुली नहीं कि सबको चाय चाहिए. चाय पीने के बाद ही वो बिस्तर छोड़ते हैं और फिर दूसरे काम करते हैं. सुबह की शुरुआत ही ग़लत ढंग से कर लेते हैं. खाली पेट चाय पीने का मतलब है कि सारा दिन बॉडी को कितना भी हेल्दी दे दो, उससे फर्क नहीं पड़ेगा.

कुछ लोगों को आदत होती है कि वो एक बार में बहुत-सारी चाय बना देते हैं और सारा दिन उसे पीते रहते हैं.

चाय को दोबारा गरम करके पीना ज़हर के बराबर है.

काम करने के बाद रिफ्रेश होने के लिए बाहर टपरी की चाय पीने जाते हैं. अगर वो चाय आपके सामने बना रहा है, तब तो ठीक है, लेकिन उसने थर्मस से चाय निकाल के दी, तो बेहतर होगा कि वो चाय आप न पीएं. पहली बात ये कि वो चाय न जाने कब की बनी होगी.

घर में भी कुछ लोगों की आदत होती है कि सुबह ही एक केटली चाय बना देते हैं और फिर उस कई बार गरम करके पीते हैं. बार-बार चाय को गरम करने से वो अनहेल्दी हो जाती है. चाय को दोबारा गरम करके पीना नुकसानदायक है. चाय की पत्ती को ज़्यादा गरम नहीं करना चाहिए. आप अगर नॉर्मल चाय भी पी रहे हैं, तो चाय पकने के बाद उसमें चायपत्ती डालें और एक बार खौलाकर उसे उतार लें. बार-बार चाय की पत्ती को खौलाना सेहत को ज़हर देने के बराबर है.

ब्लैक टी पीना कुछ हद तक फ़ायदेमंद होता है, लेकिन जैसे ही दूध में चाय की पत्ती मिलाते हैं, चाय में मौजूद एंटिऑक्सिडेंट ख़त्म हो जाता है. इससे आपके शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. एनर्जी नहीं रहती और आप थके-थके महसूस करने लगते हैं.

चाय को दोबारा गरम करके पीना पेट पर बुरा असर करता है. आप एसिडिटी के शिकार हो जाते हैं और आपकी आंत कमज़ोर होने लगती है. इसलिए बहुत ज़रूरी है कि चाय को बार-बार गरम करके न पीएं.

इंस्टेंट एनर्जी के लिए आप चाय पीते हैं, तो इसकी बजाय एक ग्लास ठंडा पानी पीएं.

सुबह-सुबह ऐसा करके देखें. आप ज़्यादा एनर्जेटिक महसूस करेंगे और पानी आपके शरीर के लिए एनर्जी का काम करेगा.

तो अब से जब भी चाय बनाएं इस बात का ध्यान रखें की चायपत्ती को ज़्यादा न उबालें. जितनी अधिक बार चाय उबालेंगे उसका उतना ही नुकसान आपको होगा.