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दिल्ली में 700 साल पुराना भुतिया महल ! रात को नजर आता है अक्सर यहाँ एक साया

भुतिया महल

सीधे मुद्दे की बात करते हुए आपको बताते हैं कि हम जिस भुतिया महल की बात कर रहे हैं उसका नाम मालचा महल है.

दिल्ली और देश के बहुत की कम लोग इस महल के बारे में जानते हैं. आज इस महल में मात्र दो लोग और कुछ कुत्ते रह रहे हैं.

दिल्ली के दक्षिणी इलाके में खड़ा यह खंडर महक प्रेत और आत्माओं का वास स्थान बताया जाता है. जहाँ आम लोगों का जाना मना है. घने जंगलों के बीच खड़ा यह महल रात को अजीब किस्म की आवाजों का स्थान बन जाता है. दिन में देखने पर यह जगह रहस्मयी लगती है तो रात में यह डरावनी हो जाती है. इस जंगली इलाके में रात के समय कुत्ते भी महल के पास नहीं जाते हैं.

क्या हुआ था सन 1993 में

तब महल की महारानी यहाँ रहती थीं. उनके साथ उनके कई नौकर भी थे. लेकिन अचानक से ही किसी वजह से रानी ने अपनी हीरे की अंगूठी को खा लिया और आत्महत्या कर ली थी.

बाद में रानी को यहीं दफना दिया गया था. लेकिन तब इनका बेटा वापिस दिल्ली आया तो उसने माँ को जमीन में से निकालकर जला दिया था.

ऐसा कहा जाता है कि बेटे को मालूम चल गया था कि माँ की आत्मा को शांति नहीं मिली है और वह यहीं भटकती रहती हैं.

आज यहाँ मात्र दो लोग और कुत्ते रहते हैं

बड़ी अजीब बात है कि आज इस महल में ना पानी की सप्लाई है और ना ही बिजली है. यहाँ पर मात्र एक साईकिल है और कुछ पालतू कुत्ते हैं. खंडर महल के बाहर जरा सी आवाज पर यह भौकने लगते हैं. सभी बड़ी और अजीब बात यह है कि रात के समय यह कुत्ते शांत ही नहीं होते हैं. आज महल में रानी के बेटे और बेटी रहती हैं. बेटे का कहना है कि उनकी बहन भी आत्महत्या करेंगी और बहन की मौत पहले होगी.

फ़िरोज़ शाह तुगलक ने कराया था निर्माण

खंडर महल जो कभी कहते हैं कि शानदार रूप का गवाह रह चुका है. इस महल का निर्माण आज से 700 साल पूर्व फ़िरोज़ शाह तुगलक ने कराया था. यह महल उसकी शिकारगाह था.

आज भटकती है यहाँ रानी की आत्मा

सन 1993 में बेगम विलायत रानी ने आत्महत्या की थी और लोग बताते हैं कि उनकी आत्मा यहाँ आज भी भटक रही है. रानी की आत्मा को पसंद नहीं है कि कोई इस महल को अब सजाये, इसलिए यह खंडर ही है. इनके बेटा और बेटी ही यहाँ रहते हैं लेकिन वह कभी कभार ही बाहर निकलते हैं. दोनों किसी से भी बात नहीं करते हैं.

इस जगह को भूतिया जगह घोषित किया जा चुका है और रात के समय यहाँ जाने की साफ़ मनाही है. वैसे अगर आप दिन में यहाँ जाते हैं तो निश्चित रूप से आप महसूस करेंगे कि यहाँ जरूर किसी का साया रहता है.