ENG | HINDI

पटेल समुदाय को लंगड़ा करके ही दम लेगा ये हार्दिक पटेल

hardik-patel

जिस तरह से फ़ैशन की दुनिया में नई-नई चीज़ें लॉन्च होती रहती हैं, ठीक उसी तरह राजनीति में एक नया कैरेक्टर लॉन्च हुआ है।

ये हम नहीं देश की जनता और परिस्थिति बयां कर रही है। कुछ दिन पहले तक हार्दिक पटेल नाम की इस चिड़िया के बारे में कोई जानता भी नहीं था, लेकिन आज ये चिड़िया केंद्र सरकार के साथ ही बाक़ी राजनीति पार्टियों को चुनौति दे रही है।

अब आप भी सोच रहे होंगे कि अचानक मुझे क्या हो गया जो मैं भी इस हार्दिक के बारे में लिखने के लिए मजबूर हो गई।

दरअसल बात ये है कि मुझे अचानक से याद आया कि ये हार्दिक पटेल तो कुछ ऐसे ही व्यवहार कर रहा है, जैसे कुछ समय पहले केजरीवाल।   केजरीवाल का लक्ष्य फिर भी देश की भलाई के लिए था, लेकिन ये क्या। ये हार्दिक पटेल तो पटेल समुदाय को ही हमेशा के लिए लँगड़ा करने का प्लान बना रहा है।

देश को जाति और समुदाय के नाम पर बाँटने वाले कम नेता थे, जो ये हार्दिक मैदान में कूद पड़ा। अरे कुछ करना ही है, तो उनकी भलाई के लिए कुछ करो। आरक्षण के नाम पर राजनीति करके उन्हें उल्लू बनाने की कोशिश तो मत करो।

खुलेआम सभी पार्टियों को धमकी देना कि आरक्षण नहीं दिया तो बड़ी- बड़ी रैली करेंगे, ये कहाँ तक उचित है। २२ साल के हो हार्दिक, इसलिए कम से कम युवाओं के नाम और इज़्ज़त का तो ख़्याल करो। बड़ी मुश्किल से देश के युवा विकास के बारे में सोचना और कुछ करना शुरू किए हैं। ऐसे में तुम्हारी इस ओछी हरक़त से देश को कितनी तकलीफ़ होगी, कभी सोचा है तुमने या सिर्फ़ निकल पड़े प्रसिद्धी पाने के इरादे से।

न तो पहले ही पटेलों में क्षमता कम थी और न ही अब है। उन्हें इस आरक्षण के झूठे जाल में फँसाने की कोशिश मत करो। पटेल होने पर तोहमत मत लगाओ। बंद करो ये राजनीति। करना ही है, तो एक युवा की भाँति कार्य करो , जिससे पटेल समुदाय और देश, दोनों को फ़ायदा हो।

देश में नक्सलवाद पैदा करने की धमकी देने वाले हार्दिक पटेल एक बार तो सोच लिया होता कि सरदार पटेल की आत्मा को कितनी तकलीफ़ पहुँची होगी।  आरक्षण दिलाकर पटेलों की क्षमता पर प्रश्नचिन्ह लगाने की कोशिश करने वाले हार्दिक ये ठीक बात नहीं। पटेलों में आज भी दम है कि वो अपनी क्षमता के बल पर हवा का रुख़ मोड़ सकें। उन्हें तुम जैसे किसी भी हार्दिक की ज़रूरत नहीं

भले ही तुम्हारी रैली में पटेल समुदाय उमड़ पड़ा हो, लेकिन जिस दिन उन्हें तुम्हारी सच्चाई पता चलेगी, उस मंच पर तुम अकेले पड़ जाओगे।

बेहतर होगा अब भी होश में आओ और सँभल जाओ।

पटेल समुदाय को अपंग बनाने की कोशिश मत करो।

(इस लेख का उद्देश्य किसी को आहत करना बिल्कुल नहीं है। वर्तमान परिदृश्य पर आधारित है ये लेख )