धर्म और भाग्य

जानिये भारत की 9 सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं के बारे में !

कठीन धार्मिक यात्रायें – जब भगवान के प्रति दृढ़ विश्वास और मन में सच्ची आस्था हो तो उस शक्ति के बल पर इंसान कठिन से कठिन परिस्थिति में भी भगवान के पास खिंचा चला आता है.

भारत देश में ऐसे कई कठीन धार्मिक यात्रायें हैं जहां जाना श्रद्धालुओं के लिए काफी मुश्किलों भरा होता है. बावजूद इसके लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपने भगवान के पास आते हैं. अमरनाथ यात्रा जी ऐसा हीं है.

आइए जानते हैं भारत देश की ऐसी हीं कठीन धार्मिक यात्रायें –

कठीन धार्मिक यात्रायें – 

1 – कैलाश मानसरोवर
देश के सबसे दुर्गम तीर्थस्थलों में काफी अहम स्थान है कैलाश मानसरोवर का. 48 किलोमीटर में कैलाश मानसरोवर फैला हुआ है. समुंद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग 4556 मीटर तक है. इसका सबसे ज्यादा मुश्किल भरा रास्ता चीन से होकर जाता है. कहा जाता है कि इस यात्रा में वही लोग जाते हैं जिन्हें भगवान शिव ने स्वयं बुलाया हो. इस यात्रा को पूरी करने के लिए 28 दिन लगते हैं.

2 – अमरनाथ यात्रा
काफी दुर्गम तीर्थस्थल यात्रा है. ये श्रीनगर के उत्तर-पूर्व में 135 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. समुंद्र तल से इसकी ऊंचाई 13600 फुट है. यहां का तापमान अक्सर 0 चला जाता है. कहीं भी बारिश और भूस्खलन कभी भी हो सकते हैं. सुरक्षा की दृष्टि से ये जगह बहुत हीं संदिग्ध और संवेदनशील है. इसलिए यहां जाने से पहले रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है. कमजोर और बीमार व्यक्ति अक्सर इस यात्रा से वापस कर दिए जाते हैं.

3 – वैष्णो देवी
जम्मू कश्मीर के कटरा जिले में स्थित है हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल वैष्णो देवी. वैष्णो देवी का मंदिर 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. कटरा से लगभग 12 किलोमीटर दूर माता का मंदिर है. यहां जाने के लिए बहुत हीं कठिनाइयों भरे रास्ते से गुजरना पड़ता है. कटरा से खड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है जो कि 14 किलोमीटर की है. हालांकि अब हेलीकॉप्टर की सुविधा भी यहां पर उपलब्ध है. जिससे आप माता के मंदिर तक जा सकते हैं.

4 – श्री शिखर जी (पारसनाथ)
झारखंड के गिरिडीह जिले के छोटा नागपुर पठार पर स्थित है श्री शिखरजी जिसे पारसनाथ के नाम से भी जाना जाता है. ये तीर्थ स्थल विश्व का सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थल है. 1,350 मीटर ऊंचा ये जगह झारखंड के सबसे ऊंचे स्थान पर स्थित है. इस यात्रा को पूरी करने के लिए चढ़ाई और उतराई की लगभग 18 मील की बेहद दुर्गम दूरी तय करनी पड़ती है.

5 – पावागढ़ मंदिर
चंपारण, जोकि गुजरात की प्राचीन राजधानी है. उसके पास हीं स्थित है पावागढ़ मंदिर, जो वडोदरा शहर से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर और ऊंची पहाड़ी की चोटी पर है. इस मंदिर के लिए काफी ऊंची चढ़ाई करनी होती है, जो कठिनाइयों से भरा है. हालांकि अब सरकार ने इस मंदिर तक पहुंचने के लिए रोप-वे की सुविधा उपलब्ध करा दी है.

6 – नैना देवी
शिवालिक पर्वत की श्रेणी की पहाड़ियों पर स्थित है नैना देवी का मंदिर. ये शिवालिक पर्वत हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में है. मां नैना देवी का ये मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है.

7 – हेमकुंड साहेब

सिखों का पावन धाम है हेमकुंड साहेब. यहां की यात्रा करने के लिए 19 किलोमीटर की पहाड़ी यात्रा करनी होती है. इस यात्रा को पूरी करने के लिए या तो आप पैदल जा सकते हैं, या फिर खच्चरों का सहारा ले सकते हैं. इस यात्रा में जान का जोखिम भी काफी होता है.

8 – बद्रीनाथ
उत्तराखंड में अलकनंदा नदी के तट पर और नारायण नाम के दो पर्वत श्रेणियों के मध्य बद्रीनाथ का मंदिर स्थित है. जो देश के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से है. यहां की यात्रा काफी दुर्गम है. हर साल यहां लाखों श्रद्धालु माथा टेकने दूर-दूर से पहुंचते हैं.

9 – गंगोत्री और यमुनोत्री
उत्तरकाशी जिले में है गंगोत्री और यमुनोत्री. यहां पहुंचने के लिए काफी दुर्गम चढ़ाई करनी होती है. जिस कारण श्रद्धालु यहां पहुंचने की हिम्मत जुटा पाने में असमर्थ होते हैं. बता दें कि गंगोत्री और यमुनोत्री तक की यात्रा करने के लिए 5 किलोमीटर की सीधी खड़ी चढ़ाई है. आपको पता हो कि गंगोत्री, गंगा नदी का उद्गम स्थल है. गंगा जी का मंदिर ये मंदिर. समुंद्र तल से 3042 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. और ये स्थान उत्तरकाशी से 60 किलोमीटर की दूरी पर है.

ये है भारत की कठीन धार्मिक यात्रायें – कहते हैं कि ईश्वर के प्रति मन में सच्ची आस्था हो तो आदमी कुछ भी कर सकता है. उसी तरह इन दुर्गम तीर्थ स्थानों पर पहुंचने के लिए भी ईश्वर ही लोगों के मन में वह विश्वास पैदा करते हैं, जिसके बल पर इन धार्मिक स्थानों में पहुंचकर हम भगवान के उस अनमोल छवि का दर्शन कर पाते हैं और अपने जीवन को धन्य कर लेते हैं.

Khushbu Singh

Share
Published by
Khushbu Singh

Recent Posts

दिल्ली दंगे: कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां दंगे वाली जगह खजूरी ख़ास में आखिर क्या कर रही थीं?

दिल्ली हिंसा में अभी तक 42 लोग अपनी जान गवा चुके हैं 300 से ज्यादा…

4 years ago

नयी भाषा सिखने के ५ सरल तरीके बजट में बना सकते है अगली यात्रा स्वर्णीय

किसी तरह की विदेश यात्रा किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत शोभायमान होता हैI विशेषकर…

4 years ago

सेल्फी लेने की आदत को कह देंगे अलविदा, जब जानेंगे इसकी साइड इफेक्ट्स !

आज कल सेल्फी लेने का ट्रेंड काफी ज़ोरों पर है. अगर आप भी सेल्फी लेने…

5 years ago

शादी के बाद इन बातों को किया नज़रअंदाज़, तो हो जाएंगे मोटापे के शिकार !

मोटापा किसी को भी अच्छा नहीं लगता... लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि शादी…

5 years ago