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हनुमान के इस मंदिर के सामने खुद से रुक जाती हैं ट्रेन! बाबा ने बचाई थी ट्रेन हादसे में सबकी जान!

Hanuman Temple Where Trains Stop

मध्य प्रदेश के शाजापुर में बोलाई गांव में हनुमान जी का एक चमत्कारिक मंदिर है.

गाँव वाले तो पहले ही कहा करते थे कि मंदिर ऐसा वैसा नहीं है लेकिन अब तक किसी का भी ध्यान इस पर नहीं गया था.

बीते दिनों हुआ यह कि मंदिर से सामने रेलवे ट्रैक पर दो मालगाड़ी की टक्कर हुई थी.

तब दोनों में से एक ड्राइवर कहता है कि उसको हनुमान जी की कृपा से पहले ही अनहोनी का आभास हो चुका था. वह अपनी ट्रेन धीमी कर चुका था तभी अचानक से यह हादसा हो गया.

जब मुझे होश आया तो खुद को मैंने एक पास में ही एक पेड़ के नीचे बैठा पाया.

जी हाँ यह तो मात्र के ही चमत्कार है.

हनुमान जी के ना जाने कितने चमत्कार यहाँ लोगों की जुबान पर छाये हुए हैं.

अगर आप बोलाई के गाँव में जाते हैं और हनुमान जी की माया के बारें में पता करते हैं तो निश्चित रूप से हर घर से आपको कुछ न कुछ कहानी सुनने को मिल जाएगी.

गाँव के लोगों पर हनुमान जी की कृपा बनी हुई है. कहीं इनकी कृपा से बेटी की शादी हो रही है तो कहीं किसी की नौकरी लग रही है. लेकिन मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य यही बना हुआ है कि जब मंदिर से सामने वाले रेलवे ट्रैक से कोई ट्रेन गुजरती है तो वह खुद-ब-खुद धीमी हो जाती है.

अब हर ड्राइवर खुद ट्रेन धीमी कर बाबा को प्रणाम करता है.

जब रेलवे के लोगोंन को इस मंदिर के चमत्कार का पता चला तो सभी रेल ड्राइवर मंदिर के सामने रेल धीमी करते हैं और हनुमान जी की आज्ञा लेने के बाद ही आगे निकलते हैं.

अगर कोई ड्राइवर ऐसा नहीं करता है तो उसके साथ अनहोनी की आशंका बढ़ जाती है. मंदिर के पूजारी बताते हैं कि एक बार एक रेल ड्राइवर ने रेल की स्पीड तब काफी ज्यादा कर दी थी जब उसकी गति खुद से धीमी हो रही थी. इस बात को जब चुनौती दी गयी तो तब उस ट्रेन का सामने से आ रही दूसरी ट्रेन से एक्सीडेंट हो गया था.

और तब हनुमान जी ने अपना एक और चमत्कार सभी को दिखाया था कि इस हादसे में किसी भी जान नहीं गयी थी. दोनों ही ट्रेन सवारी ट्रेन थीं लेकिन किसी की भी जान नहीं गयी थी.

तबसे रेलवे अधिकारी भी मंदिर की महिमा को मानने लगे हैं और ट्रेन धीमी कर, बाबा से आज्ञा लेने के बाद ही यहाँ से जाते हैं.

हर दिन इस मंदिर में हजारों लोग बाबा का आशीर्वाद लेने यहाँ आते हैं और बाबा के जयकारों की आवाज पूरा ही दिन यहाँ गूंजती रहती है.