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ऐसे करें अपनी उलझनों को दूर

करियर में

करियर में – करियर की राह में अक्सर कई सवाल हमें घेर लेते हैं.

जिनके जवाबों को लेकर हम असमंजस में स्थिति में पहुंच जाते हैं.

अगर इनके सही जवाब हमें मिल जाएं तो जिंदगी कितनी आसान हो जाएगी. इसी तरह आज कुछ जुमले आम हो गए हैं जैसे मेरा करियर अब ढलान पर है या अब ख़त्म हो गया है या फिर ये कि अब तो काफी देर हो गई है, इसलिए अब इस कार्य को शुरू नहीं किया जा सकता.

एक जो सबसे आम सवाल लोगों के मन में रहता है वो ये कि लक्ष्य नहीं है, तो करियर ख़त्म. इस बात की गहराई में जाओ तो पता चलेगा कि अपनी रूचि को ध्यान में रखकर अगर आगे बढ़ा जाए तो एक नया लक्ष्य सामने होगा और आप कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ने के लिए प्रयास भी करेंगे.

करियर में

जैसे एडवेंचर में आपको रूचि है या सेल्फ एम्प्लॉयमेंट की दिशा में आप कुछ बेहतर करना चाहते हैं या आपको वन्य जीव संरक्षण में दिलचस्पी है, तो आप ये लक्ष्य कभी भी चुन सकते हैं और इसमें आगे बढ़ सकते हैं.

कई बार लोग ये भी कहते हैं कि कोई एक्सपर्ट ही बता सकता है कि मेरे लिए क्या बेहतर रहेगा? सच तो ये है कि कोई एक्सपर्ट क्या, कोई भी आपको इस बात की सटीक जानकारी नहीं दे सकता. किस करियर में क्या है, आपकी क्या ताकत है, खूबी या खामी क्या है, एक्सपर्ट सिर्फ इतना बता सकते हैं.

करियर में

वहीं, कुछ लोग तो यहां तक कह देते हैं कि जिस करियर में पैसा नहीं, वो बेकार है पर हकीकत तो ये है कि करियर आप पैसों के लिए ज़रूर चुनते हैं लेकिन अगर करियर में आपको संतोष नहीं मिल पा रहा हो तो ज़्यादा दिन तक पैसा आपको ख़ुशी भी नहीं दे पाएगा.

कुछ लोगों के अंदर ये भी सवाल होता है कि अब जो करियर चुन लिया है तो सारी जिंदगी अब इसी से जुड़े रहना है. इस सवाल को ऐसे समझा जा सकता है कि जब नए अवसर आते हैं, रुचियां बनती व बदलती हैं तो करियर भी बदल सकता है. इसी बीच एक और सवाल जो लोगों के मन में बहुत उठता है वो ये कि शौक-शौक होता है और नौकरी-नौकरी तो इसका सीधा सा जवाब यही होगा कि हर शौक को करियर में नहीं ढाला जा सकता, लेकिन शौक और करियर के बीच तालमेल बिठाना संभव है. गौरतलब है कि करियर के लिए बहुत ज़्यादा प्रतिबद्धता की ज़रूरत आन पड़ती है जो बगैर रूचि के संभव नहीं.

करियर में

वहीं, कई बार लोगों का ये भी सवाल रहता है कि किसी चीज़ को जानने के लिए वहां कार्य करना ज़रूरी हो जाता है.

पर देखा जाए तो ऐसा नहीं है, फर्स्ट हैंड अनुभव से अच्छा कुछ भी नहीं. पर फिर भी तय कर लेना ज़रूरी हो जाता है कि आपने जिन चीज़ों को शॉर्ट लिस्ट किया है वे आपको आकर्षित कर भी रहें हैं या नहीं. कोशिश करें कि संबंधित चीज़ के बारे में आप पढ़ें व ऐसे लोगों से भी बात करें तो आपको अपनी मंजिल तक पहुंचाने का मार्ग दिखाएं. वहीं, आपकी कोशिश ये रहनी चाहिए कि आप लोगों से मिलकर अपने संबंधित विषयों की जानकारियां जुटाएं न कि उनकी सोच का प्रभाव अपने ऊपर लें.