ENG | HINDI

हमारी अधूरी कहानी – नये ग्लास में खट्टी छाछ..

hamari-adhuri-kahani

पढ़कर थोडा अजीब लग रहा होगा की नयी बोतल में पुरानी शराब होती है ये नये ग्लास में खट्टी छाछ कहाँ से आ गयी. पर पुरानी शराब में दम होता है और खट्टी छाछ जायका ख़राब कर देती है.

यही बात हमारी अधूरी कहानी के साथ हुई है.

एक लचर और पुरानी कहानी और ट्रेजेडी के नाम पर कलाकारों की ओवर एक्टिंग ने इस फिल्म को बोझिल होने के साथ साथ दर्शक को खीझ के मारे बाल नोचने पर मजबूर कर देती है.

विद्या बालन जैसी प्रतिभाशाली अभिनेत्री और राजकुमार राव और इमरान हाश्मी जैसे कलाकारों के होते हुए भी ये फिल्म कहीं भी दर्शको को जोड़ नहीं पाती.

पूरी फिल्म में विद्या का किरदार रोता रहता है जो याद दिलाता है आप मुझे अच्छे लगने लगे में अमीषा के हर सीन में हिचकियाँ ले लेकर रोने वाले किरदार की.

राजकुमार राव प्रतिभाशाली है पर लगता है वो अग्निसाक्षी के नाना पाटेकर को कॉपी करने की कोशिश कर रहे थे जिसमे वो बुरी तरह असफल रहे है.

इमरान हाशमी बाकि दोनों किरदारों से कुछ अच्छे लगे है पर उनके पास भी करने को कुछ ज्यादा नहीं था.

डायरेक्टर मोहित सूरी ट्रैजिक प्रेम कथा के नाम पर ना जाने क्या दिखाना चाहते थे कि उन्होंने हर किरदार के जीवन में बचपन से लेकर बुढ़ापे तक सिर्फ दर्द ही दर्द दिखाया है, शुरू में ये तकलीफ  देख कर लगता है की किरदार सही है पर जब इस दर्द, तकलीफ और समस्याओं की अति होने लगती है तो लगने लगता है की फिल्म को ज़बरदस्ती खींचा जा रहा है.

फिल्म की कहानी कोई नयी नहीं है, अग्निसाक्षी याराना और भी ना जाने कितनी फिल्मों में ये सब दिखाया गया है और सबसे चिढ तब आती है जब हर दुसरे डाइलोग में “मंगलसूत्र” महिमा शुरू हो जाती है.

मोहित सूरी जो इस से पहले आशिकी-2 , एक विलन और मर्डर-2 जैसी सफल फ़िल्में बना चुके है. इस फिल्म में भी उन्होंने वही किया है जो अपनी पिछली फिल्मों में करते रहे है, उम्दा संगीत, बेवजह के इमोशंस और हाई वोल्टेज साद मेलो ड्रामा और इधर उधर से उठाया गया कथानक.

हमारी अधूरी कहानी का सबसे मज़बूत पक्ष उसका संगीत है और संगीत की बदौलत ये फिल्म दर्शकों को सिनेमाहाल तक खींचने में शायद कामयाब भी हो जाये पर “हमारी अधूरी कहानी” अपने नाम के अनुसार ही “अधूरी” और “बिखरी” हुयी है.

हमारी रेटिंग- **