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गुरुद्वारों में खिलाया जाने वाला खाना पूरी तरह से हेल्दी- FSSAI

आप कभी गुरुद्वारे में खाना खाने गए हैं?

ऑफकोर्स गए होंगे। हजारों की तादाद में लोग गुरुदवारे में लंगर खाते हैं। दिल्ली में ही हर गुरुद्वारे में खाना खिलाया जाता है। यहां के दस गुरुद्वारों में दो रोजाना लंगर खिलाया जाता है। लेकिन जो गली और सोसायटी के गुरुद्वारे होते हैं वहां भी कुछ स्पेशल दिनों में भोजन कराया जाता है। तो आपने इनमें से किसी भी गुरुद्वारे में भोजन किया है क्या?

अगर हां तो अच्छी बात है। अगर नहीं तो… आप यहां खाना खा सकते हैं। क्यों?

क्योंकि इन गुरुद्वारे में खाना पूरी तरह से हेल्दी होता है। शहरीकरण के इस दौर में अधिकतर लोगों ने हाइज़ीन की वजह से गुरुद्वारों में खाए जाने वाले लंगर से मुंह मोड़ लिया है। जबकि इन गुरुद्वारों में खिलाया जाने वाला पूरी तरह से हेल्दी होता है।

गुरुद्वारे में खाना होता है हेल्दी

हाल ही में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संगठन फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड आथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के द्वारा कराई गई जांच के दौरान इन गुरुद्वारों में खिलाये जाने वाले खाने को पूरी तरह से पौष्टिक और हेल्दी बताया है। FSSAI ने हाल ही में दिल्ली के दस गुरुद्वारों के लंगर की जांच की थी। इन दस गुरुद्वारों में खिलाया जाने वाला खाना FSSAI के सख्त मापदंडों पर पूरी तरह से खरे उतरे हैं।

रोजाना खिलाया जाता है एक लाख लोगों को भोजन

दिल्ली के 10 ऐतिहासिक गुरुद्वारों में रोजाना लगभग एक लाख लोगों को लंगर कराया जाता है। लंगर में रोटी, दाल, सब्जी, खीर, सलाद खिलाया जाता है जो एक टाइम की पूरी डाइट होती है। रोज कम से कम एक लाख लोग लंगर खाते हैं। ये संख्या कुछ विशेष त्योहारों में जैसे कि गुरुपूरब, होली, दिवाली और वीकेंड में बढ़ कर पांच लाख तक पहुंच जाती है। यहां लंगर खाने गरीब और श्रमिक वर्ग के लोग अधिक आते हैं।

किचन सिद्धांत पर बनाए जाता है यहां खाना

दिल्ली के दस प्रमुख गुरुद्वारों में किचन सिद्धांत के अनुसार खाना बनाया जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, दिल्ली सिख गुरुद्वारा मेनेजमेंट कमेटी (DSGMC) के प्रेसिडेंट मनजीत सिंह ने कहा ‘यह किचन सिद्धांतों पर लंगर बांटने के लिए जानी जाती है और यह किचन लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराती है। यहां बिना किसी जाति-धर्म के भेदभाव के लंगर श्रद्धालुओं को लंगर परोसा जाता है।’
उन्होंने कहा कि DSGMC ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के FSSAI प्रोजेक्ट BHOG (भगवान को खिलाए जाने वाला भोजन) के तहत निर्धारित मानकों पर भी पूरी तरह से खरे उतरे हैं। गुरुद्वारों के खाने को टेस्ट करने का प्रोजेक्ट पिछले साल ही शुरू किया गाया था। सिख संगत दिल्ली में सभी गुरुद्वारों में सुरक्षित, पौष्टिक और स्वच्छ लंगर खिलाती है।

साफ-सफाई का रखा जाता है ध्यान

सबसे बड़ी बात है कि इन गुरुद्वारों में खाना खिलाने के दौरान साफ-सफाई का पूरी तरह से ध्यान रखा जाता है। संगमरमर की टाइल्स को बार-बार धोया जाता है। रोटी बनाने के लिए आधुनिक मशीने लगी हुई हैं। ताजी सब्जियों की खरीदारी विशेष तौर से आजादपुर मंडी से की जाती है। खाना बनाने के लिए जो देशी घी और तेल मंगाया जाता है उसकी जांच के लिए यहां निजी लैब बने हुए हैं। जिस परिसर में लोगों को खाना खिलाया जाता है वहां हवा के आने-जाने की पूरी तरह से व्यवस्था बनी हुई है जिसके कारण लोगों को खाना खाने के दौरान सफोकेशन नहीं होती है।

तो आप बेझिझक होकर इन गुरुद्वारे में खाना खा सकते हैं।

Tripti Verma

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Tripti Verma

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