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1960 के दशक की फिल्मों की झांकी आपको मिलेगी बॉम्बे वेलवेट में

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देव आनंद, मुग़ल-ए-आज़म, राजेश खन्ना, सत्यजित रे, मुंबई, मरीन लाइन्स!

हाय, हाय, हाय…!

क्या समय था!

उन दिनों फिल्में दिल को कुछ यूँ छू लेती थीं कि मानो कोई खूबसूरत सी लड़की आपको अभी-अभी देख कर मुस्कुराई हो!

60 के दशक ने बॉलीवुड को काफी कुछ दिया है! फिर चाहे वह फिल्मों में कैबरे हो या मुग़ल-ए-आज़म में झलकता, सलीम-अनारकली का ना ख़त्म होनेवाला प्यार!

आज के ज़माने के फिल्म निर्देशक अपनी फिल्मों में भी वही चीज़ें डालने की कोशिश करते हैं जो 1960 के दशक में डाली जाती थी!
1960 के दशक में बॉलीवुड इन 6 चीज़ों के पीछे पागल था!

1. कैबरे

2. मुंबई

3. चोरी/डकैती

4. राजेश खन्ना

5. प्यार

6. शानदार संगीत

अनुराग कश्यप ने अपनी फिल्म बॉम्बे वेलवेट में फिर कमाल कर दिया है! उन्होंने अपनी इस फिल्म में 60 के दशक की कुछ चीज़ों, जगहों और सिनेमा का इस्तेमाल कुछ इस तरह किया है कि देखनेवाला बस देखता रह जाएगा!

उन्होंने भी अपनी फिल्म में ऊपर दी गई 6 चीज़ों में से सभी चीज़ों का उपयोग किया है सिवाय राजेश खन्ना के.

बॉम्बे वेलवेट आज के दिन यानी 15 मई 2015 को रिलीज़ हुई है!

एक बार फिर से अनुराग कश्यप ने अपनी इस फिल्म के ज़रिए अंडरवर्ल्ड से दर्शकों को रूबरू कराया है! बॉम्बे वेलवेट अनुराग की फिल्म ब्लैक फ्राइडे जैसी गंभीर तो नहीं है और नाहि गैंग्स ऑफ़ वासेपुर जैसी हास्यजनक! यह फिल्म कहीं बीच में पड़ती है!

रणबीर कपूर, के के मेनन जैसे अभिनेताओं की शानदार अदाकारी, करण जोहर भी पहली बार कैमरा के पीछे से कैमरा के सामने नज़र आए हैं!

लाइटिंग का खूबसूरत उपयोग, और यह भूलना नहीं चाहिए कि इस फिल्म की एडिटिंग ऑस्कर विजेता थेल्मा शूनमेकर ने की है!

कुल मिलाकर बॉम्बे वेलवेट एक खूबसूरत और मनोरंजक फिल्म है और इसे मिस मत करिएगा!