शिक्षा और कैरियर

स्कूल में गर्लफ्रेंड बनाने का पढ़ाई पर पड़ता है ये असर

स्कूल में गर्लफ्रेंड – स्‍कूल लाइफ सबसे खास होती है।

जिंदगी के इस पड़ाव पर जो बच्‍चा अच्‍छे से पढ़ लेता है उसकी पूरी जिंदगी आसान और सफल हो जाती है साथ ही ये समय मौज-मस्‍ती के लिए भी होता है और आजकल तो स्‍कूल लाइफ में प्‍यार-मोहब्‍बत भी जुड़ गई है।

जब कभी भी घर बनता है तो सबसे पहले उस घर की नींव मज़बूत की जाती है।

इसी तरह स्‍कूल लाइफ से ही बच्‍चे की नींच शुरु होती है और अगर इसी बीच स्कूल में गर्लफ्रेंड हो जाये या बच्‍चा प्‍यार में पड़ जाए तो इसका सारा असर उसकी पढ़ाई पर होता है जो आगे चलकर उसके भविष्‍य पर भी पड़ता है।

स्कूल में गर्लफ्रेंड –

१ – पढ़ाई का नुकसान

स्‍कूल लाइफ में किसी बच्‍चे को प्‍यार हो जाए तो वो पढ़ाई के समय भी उसी के बारे में सोचता है और इस वजह से उसका ध्‍यान पढ़ाई में नहीं लग पाता है। जब आपका ध्‍यान क्‍लास में होगा ही नहीं तो पढ़ाई क्‍या खाक करेंगें और जब पढ़ाई ही नहीं करेंगें तो एग्‍जाम में पास कैसे होंगें।

२ – पढ़ाई और प्‍यार में संतुलन

सभी बच्‍चों को दिमाग एक जैसा नहीं होता है, कोई पढ़ाई में बहुत तेज होता है तो कोई कमज़ोर। इसी वजह से कई बच्‍चे लव और पढ़ाई के बीच संतुलन नहीं बना पाते हैं। प्‍यार में पढ़ने के बाद बच्‍चे पढ़ाई की जगह प्‍यार के बारे में सोचने लगते हैं। लड़कियां तो फिर भी जैसे-तैसे पास हो जाती हैं लेकिन लड़के बेचारे तो मजनू बनने के चक्‍कर में फेलियर बनकर रह जाते हैं।

३ – परिवार से झूठ

बचपन में इतनी समझ तो होती नहीं है कि किस बात को अपने परिवार से डिस्‍कस करना चाहिए और किसे नहीं। इस बाली उम्र में समझ बिलकुल ज़ीरो होती है इसलिए बच्‍चों को अपने दिल की हर बात अपने पैरेंट्स से या किसी बड़े भाई-बहन से शेयर करनी चाहिए। इससे वो कोई गलत कदम उठाने से बच सकता है और उसका भविष्‍य खराब होने से बच सकता है। कई बार तो बच्‍चे स्‍कूल या ट्यूशन बंक करके अपनी गर्लफ्रेंड या ब्‍वॉयफ्रेंड से मिलने पहुंच जाते हैं।

४ – ध्‍यान भटकना

इस कच्‍ची उम्र में पहला प्‍यार होता है और आप तो जानते ही हैं कि हर किसी की जिंदगी में पहला प्‍यार कितना अहमियत रखता है। बच्‍चे अपने प्‍यार के ख्‍यालों में ही खोए रहते हैं और उनका ध्‍यान क्‍लास में नहीं लगता है। ऐसा करने से उनकी पढ़ाई पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

इस उम्र के बच्‍चों के लिए एक ही सलाह है कि अगर आप किसी को पंसद करते हो तो उसके साथ सिर्फ देास्‍ती ही रखें

आपकी ये उम्र स्कूल में गर्लफ्रेंड बनाने की नहीं है । जब आप थोड़े मैच्‍योर हो जाएंगें तब अपनी इस चाहत को रिश्‍ते में बदल सकते हैं लेकिन स्‍कूल लाइफ में तो आपको अपनी पढ़ाई पर ध्‍यान देना चाहिए।

स्कूल में गर्लफ्रेंड – समय कभी लौटकर नहीं आता और अगर आप अपने भविष्‍य को संवारना चाहते हैं तो अपनी स्‍कूल लाइफ को प्‍यार में पड़ कर खराब ना करें क्‍योंकि ये वक्‍त पढ़ाई का है दिल्‍लगी का नहीं। अगर आपके बच्‍चे भी स्‍कूल में पढ़ते हैं तो उन पर खास ध्‍यान दें।

Parul Rohtagi

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