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मात्र सात दिन में 50000 औरतों के गैंगरेप के बाद क्या हुआ?

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1939 से लेकर 1945 तक के लम्बे अंतराल तक चला दूसरा विश्व युद्ध मानव इतिहास की एक ऐसी त्रासदी थी जिसमे मानवता हर पल एक विभस्त मौत मरी थी. कुछ सरफिरों की ज़िद के चलते पूरी मानव जाति को इतना भयानक युद्ध देखना पड़ा था कि कभी किसी इंसान ने भी इसकी कल्पना तक नहीं की थी.

अगस्त 1945 में जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी में युद्ध इतिहास के पहले परमाणु हमले ने जहाँ पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था वही इस हमले के बाद भी कई दिनों तक इंसानियत तार-तार हुई थी.

दुसरे विश्वयुद्ध के उस पुरे समय को हिटलर के साथ साथ “रेप ऑफ़ नानजिंग” के नाम से भी जाना जाता हैं.

इस विश्वयुद्ध के समय जापानी सेना ने जब चीन पर आक्रमण किया था तब हमला इतना भयानक था कि आज जापान का एक नागरिक भी उस बात को याद करके रो पड़ता हैं. उस समय के युद्ध से जुड़े कुछ जापानी सैनिकों  ने विश्वयुद्ध के बारे में बात करते हुआ कहा कि जब हम युद्ध में शामिल थे तब हमने न केवल लोगों का क़त्ल किया था बल्कि लूटमार के साथ चीन के नानजिंग क्षेत्र की महिलाओं और बच्चियों के साथ गैंगरेप भी किया था. उस वक़्त नानजिंग में जापान की सेना ने सात दिन तक लगभग 50000 औरतों के साथ गैंगरेप किया. यह पूरी घटना जापानी सैनिकों द्वारा सामूहिक रूप से की गयी थी.

उस भयानक दौर के साक्षी रहे लोग जब आज उस दृश्य को याद भी करते हैं तो कहते हैं कि युद्ध के उस समय के बारे आज भी जब कोई बात करता हैं तो वह बातें सुनने वालें किसी भी व्यक्ति की रूह को अंदर से हिला कर रख देती हैं.

युद्ध के दौरान जापान की सेना ने चीन के नानजिंग पर जब हमला किया था तब सबसे पहले जापानी सेना ने वहां बैठी चीनी सेना को ख़त्म किया था फिर उन्होंने ने आम नागरिकों को पर हमला शुरू किया था. जापानी सेना ने बर्बरता की सारी हदे पार कर के पुरषों, बच्चों और बूढी औरतों को जिंदा काट दिया था उसके बाद बाकि बची जवान औरतों और बच्चियों के साथ हवस का जो घिनौना खेल खेला था वह अभी तक के इतिहास में सबसे वीभत्स और निंदनीय अपराध था.

जापानी सैनिकों द्वारा सामूहिक बलात्कार का यह सिलसिला कुछ देर के लिए नहीं बल्कि पुरे 7 दिन तक चलता रहा था.

जापानी सेना की इस हरकत के आगे ही विवश होकर मित्र सेना ने उस पर परमाणु हमलें का निर्णय लिया था जिसके बाद जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी पूरी तरह तबाह हो गए थे.

उस हमले का असर आज तक जापान के उन शहरों में दिखता हैं. आज भी जापान में पैदा होने वाले बच्चों में परमाणु हमले से निकले रेडियो तरंगों का असर उनकी शारीरिक अक्षमता के रूप में नज़र आता हैं.

आज भी जब उस युद्ध की चर्चा होती हैं तो यही कहा जाता हैं कि अगर जापानी सैनिक इस तरह मानवीयता का क़त्ल न करते, अगर चीनी औरतों के साथ इतनी घिनौनी हरकत न करते तो पूरी दुनिया खासकर जापान के वह दो शहर काल के मुह में जाने से बच जाते.