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महात्मा गांधी चाहते थे कांग्रेस को खत्म करना !

कांग्रेस को खत्म करना

महात्मा गांधी आजादी के बाद कांग्रेस को भंग करना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने उनकी बात का सम्मान नहीं किया  था.

‘द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ़ महात्मा गांधी वॉल्यूम 90’ को अगर आप पढ़ते हैं तो आप इस बात के सबूत भी यहाँ देख सकते हैं. यहाँ लिखा गया है कि महात्मा गांधी चाहते थे स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद कांग्रेस को खत्म करना.

कांग्रेस का निर्माण स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए किया गया था. और जब देश आजाद हो गया था तो गान्धी जी चाहते थे कि अब कांग्रेस राजनीति ना करे. लेकिन तब गांधी जी की बात किसी भी कांग्रेसी नेता ना मानते हुए कांग्रेस को खत्म नहीं होने दिया था.

इस घटना की आप तुलना अन्ना हजारे के आंदोलन से भी कर सकते हैं जब केजरीवाल राजनैतिक पार्टी बनाना चाहते थे लेकिन अन्ना सभी को राजनीति से दूर रहने की हिदायत दे रहे थे.

तो अब सवाल यह बनता है कि आखिर क्यों उस समय में गांधी जी की बात नहीं सुनी गयी थी और कांग्रेस को खत्म नहीं किया गया था.

इससे भी बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्यों गांधी जी ने यह बात कही थी?

गांधी जी को शायद शक था कि…

महात्मा गांधी को ऐसा लगता था कि अगर अब कांग्रेस रही तो यही लोग राजनीति करेंगे और अपनी महत्वाकांक्षी चीजों को लागू करेंगे. हुआ भी कुछ ऐसा ही और बाद में इसी कांग्रेस के कई नेताओं ने बड़े-बड़े घोटालों को जन्म दिया है.

कई लोग तो यहाँ तक बोलते हैं कि जवाहरलाल नेहरू, गांधी जी की पसंद थे ही नहीं. जब सर्वदलीय बैठक हुई तो उनका चयन भी वहां नहीं किया गया था. इस बात की पड़ताल हम आगे अपने लेख में करेंगे.

अब बात यह है कि गांधी जी की बातों को तब कांग्रेस के किसी भी नेता ने क्यों नहीं माना था?

तो इसका जवाब कुछ बुद्धिजीवी यह देते हैं कि तब बचे हुए कांग्रेसी नेताओं में देश सेवा की जगह राजनीति और राज करो नीति हावी थी.

सभी को लग रहा था कि अब आजादी मिल गयी है और अब देश पर शासन करने का समय आ गया है. क्योकि गांधी जी बहुत दूर की सोचते थे उन्हें लोगों के चेहरों से ही जाहिर हो रहा था कि यह लोग अब सीट और शासन के लिए लड़ने वाले हैं,

तो जो बातें गांधी जी तब सोच रहे थे वह पूरी हुईं और कांग्रेस ने अपने लम्बे शासनकाल में बड़े-बड़े घोटालों को जन्म दिया है.

लेकिन जो भी हुआ वह देश के साथ सही नहीं हुआ है. कुछ नेताओं ने देश पर शासन किया इससे किसी को तकलीफ नहीं है लेकिन जिसको कांग्रेस अपना आदर्श मानती हैं उस गाँधी की बात ना मानकर, उनका अपमान ही किया गया था.