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अयोध्या से रामेश्वरम तक! 8 सब से महत्वपूर्ण जगहें भगवान राम की कहानी में!

श्री राम के चौदह साल के वनवास के दौरान वे अयोध्या से लेकर आज की श्री लंका तक गए थे|

सीता मैया को छुड़ाने में उन्होंने एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा दिया था ये तो हम सब जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि अयोध्या से निकल कर भारत की सीमा रामेश्वरम तक उन्होंने कौन-कौन सी जगह विश्राम किया, कहाँ-कहाँ रहे?

आईये देखें वो 8 जगहें जहाँ श्री राम अयोध्या से रामेश्वरम तक के रास्ते में रुके थे:

1) अयोध्या

यहाँ श्री राम का जन्म हुआ और यहीं से वो अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास के लिए निकले थे| ये शहर आज के उत्तर प्रदेश में है और राम जन्मभूमि के नाम से भी जाना जाता है!

2) प्रयाग

अयोध्या से निकल श्री राम ने गंगा नदी पार की और सबसे पहले प्रयाग यानी आज के इलाहाबाद को पहला विश्राम स्थल बनाया| यहाँ वो कुछ दिन रुके और फिर यहाँ से चित्रकूट के लिए रवाना हुए| इलाहाबाद भी आज के उत्तर प्रदेश में स्थित है|

3) चित्रकूट

ये वो जगह है जहाँ उनके छोटे भाई भरत ने उन्हें अयोध्या वापस लौटने का आग्रह किया था| और यही वो जगह है जहाँ श्री राम की वनवास वापसी के बाद वो भरत से फिर से मिले थे और भरत-मिलाप हुआ था| इसका साक्षी एक मंदिर भी है यहाँ! यह शहर आज के मध्य प्रदेश में है!

4) पंचवटी

ये आज के नाशिक शहर में स्थित है और वो जगह है जहाँ श्री राम ने लक्ष्मण और सीता मैया के साथ अपना बसेरा बसाया था| यहीं से रावण सीता को हर ले गया था जिसकी वजह से अंत में राम ने रावण का वध किया!

5) दण्डकारण्य

ये वो जगह है जहाँ रावण की बहन सूर्पनखा ने लक्ष्मण पर डोरे डाले और बदले में लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी थी! इसी से नाराज़ हो सूर्पनखा ने अपने भाई रावण से इसकी शिकायत की और रावण ने सीता का अपहरण किया! ये आज के छत्तीसगढ़ में स्थित है|

6) लेपाक्षी

लेपाक्षी वो जगह है जहाँ अर्ध-भगवन जटायु ने रावण को रोकने की कोशिश की जब वो सीता का अपहरण करके वहाँसे ले जा रहा था| रावण ने लड़ाई के दौरान जटायु के पंख काट दिए थे और जहाँ जटायु गिरे, उसी जगह को लेपाक्षी कहते हैं| भगवान राम ने उन्हें ये नाम दिया था जिस से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई!

7) किष्किन्धा

सीता के अपहरण के बाद राम और लक्ष्मण उन्हें ढूँढते हुए किष्किन्धा नगरी पहुँचे जहाँ पर उनका मिलन वानर भाई सुग्रीव और बाली से हुआ! यहीं पर श्री राम ने सुग्रीव को उनका राज्य वापस दिलवाया और बदले में सुग्रीव ने उन्हें सीता मैया को ढूँढने में मदद की| ये जगह आज के हम्पी, कर्नाटक में है|

8) रामेश्वरम

भारत की सीमा का आख़री छोर जहाँ से श्री राम ने वानरों की मदद से श्री लंका तक राम सेतु बनवाया और रावण को परास्त कर सीता को उसके चुंगल से छुड़वाया था! रामेश्वरम आज के तमिल नाडु में है और उसकी मान्यता आज भी कम नहीं हुई है|

भारत भ्रमण पर निकलें तो अयोध्या से रामेश्वरम का सफ़र ज़रूर तय कीजियेगा! धर्म के लिए नहीं तो पौराणिक कथाओं का आनंद उठाने के लिए ही सही!

Nitish Bakshi

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