4) सलीम–अनारकली
महान बादशाह अकबर के बेटे का दिल आया भी तो नाचने-गाने वाली अनारकली पर! लेकिन मोहब्बत कहाँ जात-पात, ऊँच-नीच देखा करती है! मोहब्बत सच्ची थी और ऐसी जिसने बेटे को अपने ही पिता के खिलाफ लड़ने पर उतारू कर दिया! पर बेटा हार गया और एक बाप जो अपने बेटे को एक मामूली तवायफ़ के साथ देखना गवारा नहीं करता था, उसने बेटे की मेहबूबा को उसकी आँखों के सामने ही दीवार में ज़िंदा चुनवा दिया! सच्चे प्यार का ऐसा हश्र भी होता है!