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पहला भारतीय मुस्लिम शासक, लेकिन इसने किया निराश, शराब और नशे की लत में किये अत्याचार

First Indian Muslim Ruler

जहांगीर किसी भारतीय माँ से जन्म लेने वाला पहला मुस्लिम शासक बताया जाता है.

नूरुद्दीन सलीम जहाँगीर का जन्म फ़तेहपुर सीकरी में स्थित ‘शेख़ सलीम चिश्ती’ की कुटिया में राजा भारमल की बेटी ‘मरियम ज़मानी’ के गर्भ से 30 अगस्त, 1569 ई. को हुआ था.

अकबर सलीम को ‘शेख़ू बाबा’ कहा करता था. जहाँ जहाँगीर के पिता अकबर के राज में देश को विभिन्न नीतियों का लाभ प्राप्त हुआ था. लेकिन जब जहाँगीर ने पिता की गद्दी संभाली तो इससे जनता पर अत्याचारों की बाढ़ आ गयी थी. इतिहास में साफ-साफ लिखा गया है कि जहाँगीर परिवार की अपनी परम्परा से बिलकुल अलग था. उसका निजी जीवन भिन्न था, उसका ह्रदय अलग था. मानवीय भावनाओं की कमी साफ़-साफ़ झलकती थी.

जब जहांगीर आदि हुआ शराब का…

लेखक डा. सतीश चन्द्र मित्तल ने इस बात के प्रमाण दिए हैं कि जहाँगीर मुसलमान होते हुए शराब का बेहद ज्यादा आदि हो गया था. यहाँ तक कि व्यक्तिगत रूप से भी जहाँगीर, बाबर की तुलना में बहुत अधिक शराब पीता था.

अपनी जीवनी में खुद इसने जिक्र किया है कि क्रमशः नौ वर्ष के अन्दर उसने मधपान की मात्रा बढ़ाकर ऐसे 20 प्यालों की कर दी थी जिनमें दुगनी शक्ति होती थी. इसमें 14 प्याले दिन में वह पीता था तथा बाकी बचे हुए रात्री समय में खत्म किये जाते थे.

भारतीय इतिहास का एक आवारा शासक…

वैसे यह बात हम नहीं बोल रहे हैं. खुद इतिहास बताता है कि जहाँगीर ने जिस तरह से हिन्दुओं पर अत्याचार किये थे और मुसलमान होते हुए शराब के साथ साथ आवारागर्दी की थी उससे सिद्ध होता है कि जहाँगीर एक आवारा शासक था.

एक इतिहासकार लिखता है कि “ऐसे बदनाम व्यक्ति के गद्दीनशीं होने से जनता में असंतोष एवं घबराहट थी. लोगों को आंशका होने लगी कि, अब सुख−शांति के दिन विदा हो गये और अशांति−अव्यवस्था एवं लूट−खसोट का ज़माना फिर आ गया. उस समय जनता में कितना भय और आतंक था, इसका विस्तृत वर्णन जैन कवि बनारसीदास ने अपने प्रसिद्ध ग्रंथ ‘अर्थकथानक’ में किया है। उसका कुछ अंश यहाँ प्रस्तुत है,−

“घर−घर, दर−दर दिये कपाट। हटवानी नहीं बैठे हाट।
भले वस्त्र अरू भूषण भले। ते सब गाढ़े धरती चले।
घर−घर सबन्हि विसाहे अस्त्र। लोगन पहिरे मोटे वस्त्र।।”

अब भारतीय इतिहास की पुस्तकों में तो बहुत ज्यादा अत्याचारों का जिक्र नहीं है किन्तु यदि हम अन्य इतिहास की पुस्तकें पढ़ते हैं तो वहां जहाँगीर के अत्याचारों को जाना जा सकता है.