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पानी में ज्यादा देर रहने से क्यों पड़ जाती है उंगलियों में सिकुड़न?

उंगलियों में सिकुड़न

उंगलियों में सिकुड़न – हम सबने कभी ना कभी पानी में बहुत तक खेला जरूर है।

काफी देर तक पानी में रहने के बाद जब हम पानी से बाहर आते हैं तो हमें महसूस होता है कि हमारे पैर की उंगलियां और हाथों की उंगलियों में सिकुड़न पड़ गई है। हमारी उंगलियां सिकुड़ सा जातीं हैं और हम सोचते रहते हैं कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है। आखिर क्यों हमारी उंगलियों में सिकुड़न पड़ गई है। हालांकि कुछ देर के बाद वो सिकुड़न गायब हो जाती है और इसलिए हम उसपर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों ज्यादा देर तक पानी में रहने के बाद हमारी उंगलियों में पड़ जाती है सिकुड़न।

ऑटोमोनस नर्वस सिस्टम है कारण: पानी में ज्यादा देर तक रहने के बाद हमारी उंगलियों के सिकुड़ने का कारण ऑटोमोनस नर्वस सिस्टम है। जब हम बहुत देर तक पानी में रहते हैं तो वैसोकन्स्ट्रिक्शन के कारण उंगलियों का मांस एक जगह से खिसकने लगता है और हमारी उंगिलियां सिकुड़ने लगतीं हैं। इस दौरान हमारी उंगलियों में झुर्रियां भी पड़ने लगतीं हैं।

उंगलियों का सिकुड़ना है स्वास्थ्य के लिए अच्छा: ज्यादातर लोग उंगलियों के सिकुड़ने से थोड़ा मायूस हो जाते हैं। लेकिन सिकुड़न पड़ना स्वास्थ्य के लिए अच्छा संकेत है। सिकुड़न पड़ने से पता चलता है कि हमारा एएनएस सही से काम कर रहा है। सिकुड़न को गीली परिस्थियों के अनुकूल माना जाता है। जब उंगली गीली हो जाती हैं तो हमारा एएनएस सही से काम करता है और इससे हमें काफी फायदा मिलता है। आप महसूस करेंगे कि आपकी उंगलियां गीली होने के बाद थोड़ी देर में ही फिर से पहले जैसी हो जाती हैं और ये एएनएस के कारण ही होता है।

तो अगर अबसे आप पानी में ज्यादा देर तक खेलें और उसके बाद आपकी उंगलियों में सिकुड़न पड़ जाए तो घबराइयेगा मत। क्योंकि ये एएनएस के लिहाज से अच्छा होता है। अक्सर लोग इसको गंभीरता से लेते हैं और अस्पताल में जाकर मोटा पैसा फेंक आते हैं। जबकि उन्हें ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये कोई बीमारी नहीं बल्कि प्राकृतिक है।