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ब्लैक लिस्ट के डर ने झुकाया पाक को, बचने के लिए FATF को पाक ने किए 26 वादें

फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स

फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स – आतंकवादियों का गढ़ कहे जाने वाले पाकिस्तान को अब अपनी करनी का फल भुगतना पड़ रहा है।

दरअसल पाकिस्तान को गहरा झटका देते हुए फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स ने आतंक की फंडिंग रोक पाने में विफल रहने की वजह से पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ यानि संधिग्धों की लिस्ट में डाल दिया है।

पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ किये जाने के चलते उसकी फाइनेंशल इकनॉमी पर बुरा प्रभाव पड़ा है। फाइनेंशल इकनॉमी के इस कदम के बाद पाकिस्तान इतना ज्यादा घबरा गया कि उसनें फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स को  26 सूत्री एक्शन प्लान प्लान सौंपा था, जिसमें उसने FATF के आदेश के आगे सर झुकाया है।

फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स

फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स की इस खबर के बाद इस्लामाबाद को डर है कि एफएटीएफ उसे काली सूची में डाल देगा। साथ ही पाकिस्तान के मुबंई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के जमात उद-दावा और उससे जुड़े संगठनों व समुदायों सहित अन्य कई आतंकवादी संगठनों के चंदें पर भी रोक लगा दी गई है।

गौरतलब है कि पेरिस में मनी लॉंन्ड्रिंग और आतंकियों की फंडिग रोकने के लिए काम कर रहे FATF की छह दिवसीय बैठक चल रही है। इस बैठक के दौरान मंगलवार को पाकिस्तान के इस मसले पर चर्चा शुरू कर दी गई। खबरों के अनुसार पाकिस्तान फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स के ग्रे लिस्ट की बात से घबरा गया है, जिसके बाद उसने FATF के सामने 26 सूत्रियों वादों की एक लिस्ट जारी की। अब अगर पाक के इन 26 वादों से फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स संतुष्ट होता है, तो वह उसे ग्रे लिस्ट के दायरें में रखेगा, अन्यथा पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा। इस मामले पर शुक्रवार को फैसला जारी होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

पाकिस्तान की इस स्थिति के मामले में देश के प्रमुख अखबार ‘डॉन’ ने लिखा है कि ‘यदि ऐसा कुछ होता है, तो यह पाकिस्तान के लिए बेहद खतरनाक है, इससे पाकिस्तान की छवि को गहरा झटका भी पहुंचेगा’।

गौरतलब है कि एशिया पैसिफिक ग्रुप के इंटरनेशनल कोऑपरेशन रिव्यू ग्रुप यानि ICRG ने फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स को जो प्लान सौंपा है उसके मुताबिक पाकिस्तान को ISIS, अलकायदा, जमात-उद-दावा और उसके सहयोगी हक्कानी नेटवर्क आदि पर टैरर फंडिंग को रोकने के लिए एजेंसियों के काम में उनकी मदद करना है।

आपको बता दे कि फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) पैरिस स्थित एक अतंर सरकारी संस्था है, जिसका काम गैर कानूनी आर्थिक मदद को रोक लगाने के लिए कड़ेल नियमों को तैयार करना व उसे लागू करना है। फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स का गठन सन् 1989 में किया गया था।

अपने इसी काम के मद्देनजर फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान पर पहले भी टैरर फंडिंग मामले में कड़ी कार्यवाही की थी, उस दौरान FATF ने साल 2012 से साल 2015 तक पाकिस्तान को आतंकवादियों को फाइनेंशली मदद करने की वजह से ग्रे लिस्ट में रखा था।

क्या है ये ग्रे लिस्ट

फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स द्वारा ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश पर भी इस बात का बहुत गहरा असर पड़ता है।

यही कारण है कि पाकिस्तान ने FATF से 26 वादें किए है और भरोसा जताया है कि वह इस मसले पर गौर भी करेगा… क्योकि पाकिस्तान जानता है कि अगर वह इस लिस्ट में आ गया तो उसकी बदहाल हालत और भी बदत्तर अवस्था में पहुंच जायेगी।