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सिहस्थ कुंभ में महिला नागा साधुओं से जुडी 5 बातें जो हर हिन्दू को पता होनी चाहिए और तब करें इनके दर्शन

मध्यप्रदेश के कुंभ में चल रहे, सिहस्थ कुंभ मेले में एक से एक सनातन परम्परा और पद्धति सामने आ रही हैं.

वैसे इस बार मेले को देखने के लिहाज से लोग कम रहे हैं लेकिन कुंभ मेले को समझने के लिहाज से लोग अधिक आ रहे हैं.

इसी क्रम में कुंभ के अन्दर महिला नागा साधू भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. जो भी भक्त इसके पास आ रहा है वह इनके गुणगान गाते हुए ही जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि जैसे इनके पास सभी समस्याओं के हल मौजूद है.

तो आज हम आपको महिला नागा साधुओं से जुड़ी 5 ऐसी बातें बताने वाले हैं जिनका ज्ञान होना, हर सनातनी लोगों के लिए आवश्यक है-

1.   माता बोला जाता है इनको

कोई स्त्री अगर नागा साधू बन जाती हैं तो उसी दिन से उन्हें माता बुलाया जाता है. अगर आपको कभी कोई महिला बोलें कि वह नागा साधू हैं या उनके पहनावे से आपको मालूम पड़ जाये तो आपको उन्हें माता रूप से ही देखना होता है और आदर-सम्मान देना पड़ता है.

2.   कैसे पहचाने कि वह महिला नागा साधू है

महिला नागा साधू, शरीर पर एक ही वस्त्र धारण करती हैं. वह सफ़ेद हो सकता है या गेरुआ. इसके अलावा महिला नागा साधुओं के बल से भी इनको पहचाना जा सकता है. शरीर पर मात्र एक कपड़ा वह भी बिना सिला हुआ, इनकी पहचान होती है.

3.   महिला नागा साधुओं में पुरुषों से ज्यादा शक्ति होती है

वैसे भी बोला जाता है कि महिलायें हर कार्य में पुरुषों की तुलना में अधिक एकाग्रता रखती हैं. इसी तरह से भक्ति के अंदर भी जिस तरह से महिला नागा साधू पूजा करती हैं, इनके अन्दर अद्भुत शक्तियां होती हैं.

4.   करती हैं अपना पिंड दान

पुरूषों की तरह महिला नागा साधू भी खुद का अपने हाथों से अपना पिंडदान करती हैं. जब वह महिला नागा साधू बनने के मार्ग पर निकलती हैं तो प्रारंभिक चरण में ऐसा वह करती हैं. नागा साधू बनना वैसे पुरुषों की तुलना में अधिक कठिन काम है. सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है कि भारतीय महिलाओं की तुलना में विदेशी महिलायें अधिक नागा साधू बन रही हैं.

5.   फिर कभी नहीं लौटना होता है परिवार में

एक बार अगर कोई महिला, यह निर्णय ले लेती है कि उसको नागा साधू बनना है तो सबसे पहले उनके घरों की जाँच-पड़ताल की जाती है. इसके बाद तसल्ली कर लेने के बाद ये महिला कसम खाती हैं कि फिर कभी पारिवारिक जीवन में नहीं जायेंगी.

इस तरह से देखा जाए तो महिला नागा साधुओं का जीवन, पुरूष नागा साधुओं की तुलना में अधिक कठिन होता है.

लेकिन अगर कोई एक बार भक्ति के इस मार्ग पर निकल लेता है तो वहां प्राप्त होने वाली असीम शांति ही उसके लिए सबकुछ हो जाती है.

इसलिए आप भी उज्जैन में चल रहे सिहस्थ में जाकर, एक बार महिला नागा साधुओं से आशीर्वाद जरूर लें, इससे आपके जन्मों-जन्मों के कष्ट निश्चित रूप से ख़त्म हो जायेंगे.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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