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शक्तिपीठ (भाग-4): देवी के वो चमत्कारिक मंदिर जहाँ गिरे थे सती के कटे अंग

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥

प्राणिमात्र के दुःख दर्द क्लेश दूर करती है माँ दुर्गा. देवी की उपासना में नवरात्रि और देवी के शक्तिपीठों का विशेष महत्व है. इस श्रृंखला में हम आपको देशभर में फैले देवी के विभिन्न शक्तिपीठों के बारे में बताया. साथ ही साथी शक्तिपीठों के निर्माण की कथा भी बताई.
अब श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए शेष बचे हुए शक्तिपीठों के स्थान और वहां की शक्ति और भैरव के बारे में बताते है.

कालमाध्व शक्तिपीठ
इस शक्तिपीठ का स्थान भी अज्ञात है. माना जाता है कि  यहां माता का वाम नितम्ब गिरा था
इस शक्तिपीठ की  शक्ति काली तथा भैरव असितांग हैं.

शोण शक्तिपीठ
मध्य प्रदेश के अमरकंटक में  यह प्रसिद्ध शोण शक्तिपीठ है. इस स्थान पर माता का दक्षिण नितम्ब गिरा था. वहीँ कुछ विद्वानों का मानना  है कि  बिहार के सासाराम का ताराचण्डी मन्दिर ही शोण तटस्था शक्तिपीठ है.
यहां सती का दायां नेत्र गिरा था ऐसा माना जाता है। यहां की शक्ति नर्मदा या शोणाक्षी तथा भैरव भद्रसेन हैं.

कामाख्या शक्तिपीठ
देवी के शक्तिपीठों में कामख्या देवी सबसे प्रसिद्ध शक्तिपीठ है. यहाँ साल भर श्रद्धालु आते है. नवरात्रि के समय यहाँ लाखों लोग आते है. विजयादशमी के समय यहाँ बलि दी जाती है .
कामगिरि असम गुवाहाटी के कामगिरि पर्वत पर स्थित इस शक्तिपीठ के बारे में कहा जाता है कि यहाँ  माता की योनि गिरी थी. यहां की शक्ति कामाख्या तथा भैरव उमानन्द हैं.

जयन्ती शक्तिपीठ
असम के पास मेघालय राज्य में जयंतिया की पहाड़ियों में माता का ये वो प्रसिद्ध शक्तिपीठ है जहाँ सती की की वाम जंघा गिरी थी.
यहाँ की शक्ति जयन्ती तथा भैरव क्रमदीश्वर हैं।

मगध् शक्तिपीठ
बिहार की राजधानी पटना में स्थित पटनेश्वरी मंदिर को ही देवी का शक्तिपीठ माना जाता है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहाँ  माता की  दाहिनी जांघ  गिरी थी. यहां की शक्ति सर्वानन्दकरी तथा भैरव व्योमकेश हैं.

त्रिस्तोता शक्तिपीठ
पश्चिम बंगाल में देवी उपासना का विशेष महत्व है. शायद इसका कारण ये है कि बंगाल में सबसे ज्यादा देवी मंदिर है.
पश्चिम बंगाल के जलपाइगुड़ी के शालवाड़ी गांव में तीस्ता नदी पर स्थित है त्रिस्तोता शक्तिपीठ, जहां माता का वामपाद गिरा था. यहां की शक्ति भ्रामरी तथा भैरव ईश्वर हैं.

त्रिपुरी सुन्दरी शक्ति त्रिपुरी पीठ
भारत के उत्तर पूर्व में स्थित त्रिपुरा राज्य के राध किशोर ग्राम में स्थित है त्रिपुरे सुन्दरी शक्तिपीठ, जहां माता का दक्षिण पाद गिरा था. यहां की शक्ति त्रिपुर सुन्दरी तथा भैरव त्रिपुरेश हैं. देवी त्रिपुर सुंदरी का ये मंदिर भी प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से है.

विभाष शक्तिपीठ
पश्चिम बंगाल के मिदनापुर ज़िले में  ताम्रलुक गाँव में स्थित है विभाष शक्तिपीठ. यहाँ  माता का बायाँ टखना गिरा था.
यहां की शक्ति कापालिनी, भीमरूपा तथा भैरव सर्वानन्द हैं.

देवीकूप पीठ कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ
हरियाणा में कुरुक्षेत्र के निकट द्वैपायन सरोवर के पास स्थित है कुरुक्षेत्र शक्तिपीठ, जिसे श्रीदेवीकूप भद्रकाली पीठ के नाम से भी जाना जाता है. यहां माता के  दाहिने गिरे थे. यहां की शक्ति सावित्री तथा भैरव स्थाणु हैं.

युगाद्या शक्तिपीठ, क्षीरग्राम शक्तिपीठ
ये शक्तिपीठ भी पश्चिम बंगाल में स्थित है.
बर्धमान जिले के क्षीरग्राम में स्थित इस शक्तिपीठ को युगाद्या शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है. यहां सती के दाहिने चरण का अंगूठा गिरा था. यहां की शक्ति जुगाड़या और भैरव क्षीर खंडक है.
ये थे देवी के प्रसिद्ध शक्तिपीठ इस श्रृंखला के पिछले भागों में वर्णित शक्तिपीठों के स्थान और उनकी कहानी जानने के लिए क्लिक करें
Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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