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जगन्नाथ पुरी मंदिर के आश्चर्यजनक चर्चित तथ्य!

जगन्नाथ पुरी मंदिर के आश्चर्यजनक तथ्यों
भारत का सुप्रसिद्ध मंदिर जगन्नाथपुरी अपनी खासियतों और भक्तों की इच्छा पूरी करने को लेकर ना सिर्फ भारतवर्ष में, बल्कि पूरे विश्व में चर्चित है.
जगन्नाथपुरी में हर रोज अनगिनत संख्या में भक्तों का आगमन होता है.
आज हम अपने इस आर्टिकल में जगन्नाथ पुरी मंदिर के आश्चर्यजनक तथ्यों के बारे में चर्चा कर रहे हैं. जो काफी चर्चित हैं.
जगन्नाथ पुरी मंदिर के आश्चर्यजनक तथ्यों का विवरण –
1.  जगन्नाथ पुरी मंदिर की ऊंचाई 214 फुट है.
 
2. मंदिर के ऊपर जो ध्वज स्थापित है, वो सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता रहता है.
 
3.  पूरी के किसी भी स्थान से आप अगर मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देखेंगे, तो आपको लगेगा कि वो सुदर्शन चक्र आपके सामने हीं लगा है.
 
4. सामान्य दिनों में समुंद्र से जमीन की तरफ हवा चलती है. और शाम के समय इसके विपरीत. लेकिन पूरी में इसका ठीक उल्टा है.
 
5. मंदिर के मुख्य गुंबद की छाया हमेशा अदृश्य रहती है.
 
6. प्रसाद की थोड़ी सी भी मात्रा कभी बेकार नहीं होती. लाखों लोगों तक को खिलाया जा सकता है. भोजन की मात्रा पूरे साल भर के लिए रहता है.
 
7. प्रसाद बनाने के लिए मंदिर की रसोई में 7 बर्तन एक दूसरे पर रखे जाते हैं. और सब लकड़ी पर हीं पकाया जाता है. इस तरह की प्रक्रिया में सबसे ऊपर के बर्तन की सामग्री पहले पकती है. और क्रमशः नीचे की तरफ एक के बाद एक पकती है.
 
8. मंदिर के सिंहद्वार में पहला कदम रखते हीं आप सागर द्वारा निर्मित किसी भी ध्वनि को नहीं सुन पाएंगे. लेकिन जैसे हीं आप अपना कदम बाहर रखेंगे, इसे सुन पाएंगे. शाम के समय इसे स्पष्ट रुप से अनुभव किया जाता है.
 
9.  इस मंदिर का रसोईघर पूरी दुनिया भर की रसोईघर से सबसे बड़ा है.
 
10. 4 लाख वर्ग फुट में है मंदिर का क्षेत्रफल.
 
11.  हर रोज शाम के समय मंदिर के ऊपर स्थित ध्वज को किसी मानव के द्वारा उल्टा चढ़ कर बदला जाता है.
 
12. आप कभी भी मंदिर के ऊपर किसी विमान या पक्षी को उड़ते नहीं देख पाएंगे.
 
13. जगन्नाथ पुरी के रसोई घर में प्रसाद बनाने के लिए 500 रसोइए और उनके 300 सहयोगी एक साथ काम करते हैं. और सारा खाना मिट्टी के बर्तनों में बनाया जाता है.
ये है जगन्नाथ पुरी मंदिर के आश्चर्यजनक तथ्यों का विवरण – इस मंदिर के निर्माण को देखकर इस बात को भली-भांति समझा जा सकता है, कि हमारे पूर्वज कितने बड़े इंजीनियर रहे होंगे.