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शास्त्रों में बताए गए हैं सोने के ये खास नियम जिसकी जानकारी हर किसी को होनी चाहिए !

हिंदू धर्म में लगभग सभी कामों के लिए कोई ना कोई नियम अवश्य बनाए गए हैं. इन नियमों से जो लोग अवगत होते हैं वो इनका पालन करते हैं जबकि अधिकांश लोग इन नियमों की अनदेखी कर देते हैं.

शास्त्रों में कई सारे नियमों का जिक्र किया गया है जिनमें शयन यानी सोने के नियम भी शामिल हैं. तो चलिए आज हम आपको 10 अलग-अलग शास्त्रों में उल्लेख किए गए सोने के नियमों के बारे में बताते हैं, जिनके बारे आपको जानकारी जरूर होनी चाहिए.

शयन (सोने) के खास नियम

1- मनुस्मृति

मनुस्मृति के अनुसार किसी भी इंसान को सूने घर में अकेले नहीं सोना चाहिए. इसके साथ ही किसी देवमंदिर या श्मशान में भी सोने से परहेज करना चाहिए.

2- विष्णुस्मृति

विष्णुस्मृति में उल्लेख किए गए सोने के नियम के अनुसार अगर कोई इंसान सो रहा है तो उसे अचानक नहीं जगाना चाहिए.

3- चाणक्यनीति

चाणक्यनीति के मुताबिक विद्यार्थी, नौकर और द्वारपाल अगर ज्यादा देर तक सोए रहते हैं तो फिर उन्हें जगा देना चाहिए.

4- देवीभागवत

देवीभागवत के अनुसार व्यक्ति को देर तक नहीं सोना चाहिए, आयुरक्षा और बेहतर स्वास्थ्य के लिए हमेशा ब्रह्ममुहूर्त में ही उठ जाना चाहिए.

5- पद्मपुराण

पद्मपुराण में उल्लेख किए गए सोने के नियमों के अनुसार जिस कमरे में ज्यादा अंधेरा होता है वहां सोने से परहेज करना चाहिए.

6- अत्रिस्मृति

अत्रिस्मृति में सोने के जिस नियम का जिक्र किया गया है उसके मुताबिक भीगे पैर सोना शुभ नहीं होता है. जबकि सूखे पैर सोने से लक्ष्मी यानी धन की प्राप्ति होती है.

7- महाभारत

महाभारत में उल्लेख किए गए नियमानुसार व्यक्ति को टूटी खाट पर नहीं सोना चाहिए इसके साथ ही जूठे मुंह सोना भी वर्जित है.

8- गौतमधर्मसूत्र

वैज्ञानिक नजरिए से भले ही रात में नग्न होकर सोने से स्वास्थ्य लाभ होता है लेकिन गौतमधर्मसूत्र के नियमों के अनुसार व्यक्ति को नग्न होकर नहीं सोना चाहिए.

9- ब्रह्मवैवर्तपुराण

ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार दिन के समय, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जो व्यक्ति सोता है वो रोगी और दरिद्र होता हो जाता है.

10- आचारमयूख

आचारमयूख के अनुसार पूर्व दिशा में सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम दिशा में सिर करके सोने से चिंता, उत्तर दिशा में सिर करके सोने से हानि व मृत्यु और दक्षिण दिशा में सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है.

– इसके अलावा व्यक्ति को दिन में कभी नहीं सोना चाहिए, जो ऐसा करता है वो स्वयं अपने दुर्भाग्य को निमंत्रण देता है. वहीं पूरे साल में ज्येष्ठ माष ही ऐसा है जिसमें आप दोपहर के समय सिर्फ 48 मिनट के लिए सो सकते हैं.

शास्त्रों में उल्लेख किए गए सोने के नियमों के अनुसार सूर्यास्त होने करीब तीन घंटे बाद ही सोना चाहिए. बायीं करवट लेकर सोना सेहत के लिए फायदेमंद होता है. लेकिन दिल पर हाथ रखकर और पांव पर पांव रखकर नहीं सोना चाहिए.

सोते वक्त माथे से तिलक हटा देना चाहिए क्योंकि माथे पर तिलक लगाकर सोना अशुभ माना जाता है और बेड पर बैठकर खाना-पीना अशुभ माना जाता है इसके साथ ही सोते-सोते बिस्तर पर पढ़ाई नहीं करनी चाहिए.

गौरतलब है हिंदू धर्म के शास्त्रों में सोने के इतने सारे नियम बताए गए हैं लेकिन इन नियमों से अधिकांश लोग बेखबर हैं, पर सुखी और आनंदमय जीवन जीने के लिए हर व्यक्ति तो सोने के इन खास नियमों का पालन जरूर करना चाहिए.