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ये योग्यताएँ हैं तो आप भी बन सकते हैं देश के राष्ट्रपति !

राष्ट्रपति बनने की योग्यताएँ

राष्ट्रपति बनने की योग्यताएँ – देश का राष्‍ट्रपति बनने के कुछ खास योग्‍यताओं की जरूरत होती है।

अगर आप में भी ये काबीलियत है तो आप भी राष्‍ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल हो सकते हैं।

राष्ट्रपति बनने की योग्यताएँ –

भारतीय संविधान के अनुच्‍छेइ 58 के अनुसार किसी भी व्‍यक्‍ति के राष्ट्रपति बनने की योग्यताएँ होनी चाहिए।

– सबसे पहले वह व्‍यक्‍ति भारत का नागरिक होना चाहिए।

– राष्‍ट्रपति पद के उम्‍मीदवार की उम्र 35 साल से अधिक होनी चाहिए।

– वह व्‍यक्‍ति लोकसभा का सदस्‍य निर्वाचित किए जाने के योग्‍य हो।

– वह व्‍यक्‍ति किसी भी लाभ के पद पर कार्यरत न हो। साथ ही अगर कोई व्‍यक्‍ति राष्‍ट्रपति या उपराष्‍ट्रपति के पद या संघ और किसी राज्‍य के मंत्री परिषद का सदस्‍य हो तो वह किसी लाभ के पद पर नहीं माना जाएगा।

राष्‍ट्रपति के पास होते हैं ये अधिकार

– भारत में राष्‍ट्रपति का पद सबसे ऊंचा और बड़ा होता है। भारतीय संवधिान में राष्‍ट्रपति को सबसे ज्‍यादा शक्‍तियां दी गई हैं। कुछ ऐसे अधिकार भी हैं जो राष्‍ट्रपति के अलावा अन्‍य किसी दूसरे पद धारक के पास नहीं हैं।

– भारत में कोई भी नया कानून राष्‍ट्रपति की अनुमति के बिना नहीं बन सकता है। किसी भी नए विधेयक को कानून में बदलने का अधिकार सिर्फ राष्‍ट्रपति को ही होता है। संसद में पारित विधेयक मुहर के लिए राष्‍ट्रपति के पास भेजा जाता है। राष्‍ट्रपति या तो उस पर अपनी मंजूरी देते हैं या फिर उसे पुन: विचार के लिए संसद मे वापिस भेज देते हैं। अगर संसद उस विधेयक को दोबारा पारित करती है तो राष्‍ट्रपति को उसे मंजूर करना ही पड़ता है।

– इसके अलावा भारत में राष्‍ट्रपति को वीटो का अधिकार भी दिया गया है। इस अधिकार के तहत राष्‍ट्रपति संसद में पारित किसी भी विधेयक को अनिश्चित काल तक अपने पास रख सकते हैं।

ये है राष्ट्रपति बनने की योग्यताएँ – देश के राष्‍ट्रपति के पास किसी भी कैदी की फांसी की सज़ा माफ करने का भी अधिकार होता है। यदि राष्‍ट्रपति उसकी दया याचिका पर हस्‍ताक्षर कर देते हैं तो उस अपराधी की सज़ा माफ हो जाती है।