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इन 8 देशों से भारत को लेनी चाहिए एजुकेशन सिस्टम बदलने की सलाह

एजुकेशन सिस्टम

शिक्षित लोग ही देश के विकास में अपना योगदान दे पाते हैं। शिक्षा देश और व्यक्ति दोनों के ही विकास की नींव होती हैं।

तो आज हम आपको दुनिया के ऐसे 10 सबसे पढ़े-लिखे देशों के बारे में और उसकी एजुकेशन सिस्टम के बारे में  बता रहे हैं जो शिक्षा के मामले में भारत से कई आगे हैं।

एजुकेशन सिस्टम –

सिंगापुर

विश्‍व में सिंगापुर का शिक्षा स्तर सबसे सर्वश्रेष्‍ठ माना जाता है।विज्ञान व गणित में 6.3 स्कोर करने वाला यह देश सबसे बेहतर शिक्षा पद्धति के लिए जाना जाता है।

स्‍विट्जरलैंड

स्विट्जरलैंड में कुल 25 से 64 वर्ष के लोग 86 प्रतिशत तक शिक्षित हैं। 6.0 स्कोर वाला ये देश हर साल 17000 डॉलर अपने छात्रों पर खर्च कर देता है।

कतर

कतर फाउंडेशन को 1995 में वहां के लोगों को शिक्षा प्रदान करने के लिए बनाया गया था। यह फाउंडेशन एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन है। कतर का स्कोर 5.8 है।

फिनलैंड

इस देश का शिक्षा स्कोर 6.2 है। यहांपर हर अध्यापक के पास पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री है और उन्हें देश के टॉप टेन ग्रेजुऐटस में से चुना जाता है।

बेल्‍जियम

शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी बेल्जियम में केवल 3 प्रतिशत नागरिक ही बेरोज़गार होते हैं। 6.0 स्कोर वाले इस देश में लोगों की सैलरी औसतन 74000 डॉलर है। 

नीदरलैंड्स

नीदरलैंड्स का लगभग हर तीसरा व्यक्ति यूनिवर्सिटी डिग्री होल्डर होता है। ये ही वजह है कि यहां का स्कोर 6.1 है। नीदरलैंड की सरकार भी अपने देश के शिक्षाक्षेत्र में बहुत ध्यान देती है।

आइसलैंड

आइसलैंड की सरकार एजुकेशन पर काफी मोटी रकम खर्च करती है। जिससे की हर व्यक्ति शिक्षा प्राप्त कर सके। इस देश का स्कोर 5.5 है और इसलिए यह देश टॉप टेन सबसे अधिक शिक्षित देशों में आता है।

नार्वे

नार्वे दुनिया में 5.5 स्कोर के साथ 9वें स्थान पर आता है। यह देश 14000 डॉलर प्रतिवर्ष प्राइमरी एजुकेशन से टेरिट्री एजुकेशन तक हर व्यक्ति पर खर्च करता है।

ये है वो देश जिनके पास से भारत को अपने एजुकेशन सिस्टम बदलने की सलाह लेनी चाहिए – भारत को इन देशों से अपनी शिक्षा व्यवस्‍था में सुधार की प्रेरणा लेनी चाहिए।