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पूरी दुनिया में सिर्फ इन देशों के लोग करते हैं पढ़ाई

आज के ज़माने में पढ़ा-लिखा होना बहुत जरूरी है। शिक्षित लोगों से बनने वाले देश अपना प्रभावी व्‍यक्‍तित्‍व रखते हैं। जिन देशों के लोग पढ़े-लिखे होते हैं वो अपनी शिक्षा और काबिलियत के पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। ऐसे में दुनिया के सबसे ज्‍यादा पढ़े-लिखे देशों के बारे में आपको भी जानना चाहिए।

आज हम आपको दुनिया के ऐसे खास देशों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी ढेरों खूबियों के साथ-साथ अपने शिक्षा के स्‍तर के लिए भी जाने जाते हैं।

ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑप्रेशन एंड डेवलपमेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में सिंगापुर के लोग सबसे ज्‍यादा शिक्षित हैं। यहां पर शिक्षा का स्‍तर सबसे ऊंचा और बेहतरीन है। इस रिपोर्ट में सिंगापुर ने 6.3 स्‍कोर किया है और ये देश गणित और विज्ञान जैसे विषयों में दुनिया में सबसे बेहतरीन शिक्षा पद्धति के लिए मशहूर है।

इसके बाद नाम आता है फिनलैंड का। इस देश में हर टीचर देश के टॉप 10 ग्रेजुएट्स में से ही चुना जाता है। यहां पर टीचर को पोस्‍ट ग्रेजुएट होना भी जरूरी है। इस देश का स्‍कोर 6.2 है।

नीदरलैंड का हर तीसरा डच नागरिक यूनिवर्सिटी डिग्री होल्‍डर होता है। नीदरलैंड की शिक्षा का स्‍तर इतना ऊंचा होना स्‍वाभाविक है। इस देश का स्‍कोर 6.1 है और यहां की सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रयास किए जाते हैं।

स्विट्जरलैंड को पूरी दुनिया में सबसे ज्‍यादा रोमांटिक देश के तौर पर जाना जाता है। पढ़ाई के मामले में भी ये देश बहुत आगे है। इस देश का स्‍कोर 6.0 रहा है और यहां की कुल जनसंख्‍या में 25-64 साल के लगभग 86 प्रतिशत लोग शिक्षित हैं। इसके अलावा यहां पर हर छात्र प्रतिवर्ष 17000 डॉलर खर्च करता है।

बेल्जियम में टीचर्स की तनख्‍वाह बहुत ज्‍यादा होती है और इसी से आप यहां पर शिक्षा के स्‍तर का पता लगा सकते हैं। यहां पर शिक्षकों को औसतन 74000 डॉलर की सैलरी मिलती है। बेल्जियम के केवल 3 प्रतिशत नागरिक ऐसे होते हैं जो उच्‍च शिक्षा प्राप्‍त करने के बाद भी बेरोज़गार रह जाते हैं और ऐसा इसलिए है क्‍योंकि यहां का स्‍कोर 6.0 है।

इसके बाद छठे नंबर पर नाम आता है डेनमार्क का। इस देश का स्‍कोर 5.9 है। शिक्षा पर सबसे ज्‍यादा खर्च करने की बात की जाए तो इस मामले में डेनमार्क का नाम सबसे ऊपर आता है। ये देश शिक्षा को कम महत्‍व देने वाले देशों के लिए एक मिसाल है। साल 2008 से 2010 के बीच आर्थिक संकट के दिनों में भी इस देश ने अपने नागरिकों की शिक्षा पर खर्च बढ़ाया है और ऐसा करने वाले चंद देशों में अपना नाम शुमार कर दिया है।

शिक्षा पर बहुत ज्‍यादा पैसा खर्च करने वाले देशों में नॉर्वे का नाम भी आता है। ये देश प्राइमरी एजुकेशन से टेरिटरी देश तक प्रति व्‍यक्‍ति लगभग 14,000 डॉलर सालाना खर्च करता है और इसका स्‍कोर 5.9 है।

इस लिस्‍ट में अमेरिका का नाम भी शामिल है। अमेरिका का स्‍कोर 5.9 है। इस देश के लगभग 43 प्रतिशत लोग यूनिवर्सिटी स्‍तर की डिग्री वाले हैं। इस वजह से करीब 34 शिक्षित देशों के स्‍तर के बीच ओईसीडी लिस्टिंग में अमेरिका पांचवे स्‍थान पर है।

बहुत दुख की बात है कि शिक्षित देशों में दूर-दूर तक भारत का नाम नहीं आता है। देश की एक बड़ी आबादी आज भी अशिक्षित और गरीब है।