ENG | HINDI

पांच पतियों के बाद भी द्रौपदी क्यों मानी जाती है पतिव्रता ?

feature

2.

” सुन्दर व क्षीण कटि और निश्चित रूप से बहुत अभिमानिनी

वह कुमारी हो गई अपने हर नये विवाह के साथ “-महर्षी नारद

यानि पांच पति होने के बाद भी द्रौपदी के कुवांरे होने की बात कही गई है.

3.

महाभारत के दक्षिण भारतीय संस्करण में ये उल्लेख है कि हर विवाह के बाद द्रौपदी अग्नी में स्नान करती थी जिसकी वजह से वो कुंवारी रहती थी.

agni
4.

द्रौपदी के कुंवारेपन के पीछे उनके पिछले जन्म की कहानी भी जुड़ी हुई है.

कहा जाता है कि अपने पिछले जन्म में वो नलायनी के नाम से मशहूर से थी.  इनका विवाह मौदगल्य नाम के ऋषि से हुआ था.  कहा जाता है कि ये ऋषि काफी क्रोधी स्वभाव के थे. अपनी पत्नी के  सेवाभाव को देखकर एक बार मौदगल्य ने जब उनसे एक वरदान मांगने को कहा तो उनकी पत्नी ने कहा कि वो उनसे पांच पुरुषों के रुप में प्यार करें. उन्होंने अपनी पत्नी की इच्छा को पूरा कर भी दिया लेकिन वो बार बार  ऐसी इच्छा जाहिर करने लगी तब वो क्रोधित हो गए और उन्होंने उसे श्राप दिया कि अगले जन्म में उसके पांच पति होंगे लेकिन इसके बाद उन्होंने तपस्या करके भगवान शिव से वरदान मांगा कि वो हर पति से संबंध बनाने के बाद कुवांरी रहेगी.

इसी वरदान का फायदा उन्हें अगले जन्म में द्रौपदी के रुप में मिला.

इन चार तथ्यों पर गौर करे तो पता लगता है कि द्रौपदी के पांच पति होने के बाद भी वो पतिव्रता और कुवांरी कहलाई और कैसे पांच पति होने के बाद भी उन्हें चरित्रवान माना गया.

ये लेख ग्रंथो में दिए गए अनुमान के आधार पर लिखा गया है इस बारे में भी कई विद्वानों के अलग-अलग मत हो सकते है.

1 2 3 4