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क्या आप जानते है शिव और शंकर अलग अलग है?

आप शिव के उपासक है या शंकर के ?

चौंक गए ना ये सवाल सुनकर…

वैसे भी कौन मानेगा कि शिव और शंकर अलग अलग है. हमें तो बचपन से यही बताया गया है ना कि शिवशंकर एक ही है. यहाँ तक की दोनों नाम हम अक्सर साथ में ही लेते है.

अगर हम आपको ये कहे कि शिव और शंकर ना सिर्फ अलग अलग है बल्कि शंकर की उत्त्पति भी शिव से ही हुई है. शिव ही प्रारंभ है और शिव ही अंत है.

शिव और शंकर में सबसे बड़ा और समझने में आसान अंतर दोनों की प्रतिमा में है.

शंकर की प्रतिमा जहाँ पूर्ण आकार में होती है वही शिव की प्रतिमा लिंग रूप में होती है या अंडाकार अथवा अंगूठे के आकार की होती है.

महादेव शंकर :

शंकर भी ब्रह्मा और विष्णु के तरह देव है और सूक्ष्म शरीरधारी है. ब्रम्हा और विष्णु की तरह शंकर भी सूक्ष्म लोक में रहते है. शंकर भी विष्णु और ब्रम्हा की तरह ही परमात्मा शिव की ही रचना है. शंकर को महादेव भी कहा जाता है परन्तु शंकर को परमात्मा नहीं कहा जाता क्योंकि शंकर का कार्य केवल संहार है. पालन एवं निर्माण शंकर का कर्तव्य नहीं है.

शिव :

शंकर से अलग शिव परमात्मा है. शिव का कोई शरीर नहीं कोई रूप नहीं है. शिव, शंकर, ब्रम्हा और विष्णु की तरह सूक्ष्मलोक में नहीं रहते. उनका निवास तो सूक्ष्म लोक से परे है. शिव ही ब्रम्हा विष्णु शंकर त्रिदेवों के रचियेता है. शिव ही विश्व का निर्माण, कल्याण और विनाश करते है जिसका माध्यम ब्रह्मा, विष्णु और महेश होते है.

देखा आपने की कैसे एक दुसरे से भिन्न है शिव और शंकर. अब आपको आसानी होगी ये जानने की कि किसकी उपासना करते है आप.

बात को आगे बढ़ाते हुए आपको एक और जानकारी देते है.

सबका जन्म दिन होता है क्या आपने कभी सोचा है कि शिव ही एक मात्र ऐसे है जिनके जन्मदिन को शिवरात्रि कहा जाता है. इसका भी एक कारण है रात्रि का मतलब शाब्दिक नहीं है यहाँ रात्रि का अर्थ कुछ और है.

यहाँ रात्रि से अभिप्राय ये है कि पाप, अन्याय, बुराइयाँ. जब काल के साथ साथ मनुष्य नीचता की और बढ़ता चला गया उस समय की तुलना रात्रि से की गयी है और उस गहरी रात्रि को शिव प्रकट होते है अर्थात जन्म लेते है.

शिव के जन्म की रात्रि के बाद रात्रि अर्थात अन्धकार का अंत हो जाता है और मनुष्यता एक बार फिर उन्नत हो जाती है.

ये था शिव और शंकर में अंतर और शिव जन्म को शिव रात्रि कहने का भेद.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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